राजधानी में पीपुल्स ग्रुप पर ED के छापे के बाद बड़ा खुलासा! जांच में खुले कई राज
भोपाल : मध्य प्रदेश में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के केस में राजधानी भोपाल में स्थित पीपुल्स ग्रुप और उससे जुड़ी जगहों पर छापा मारा था. इस दौरान ईडी ने आठ लाख रूपए नगद बरामद किए थे. इसके अलावा कई कागजात भी बरामद हुए थे. छापे के बाद ईडी ने बड़ा खुलासा किया है और बताया है कि पीपुल्स जनरल हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड, पीपुल्स इंटरनेशनल एंड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और पीजीएच इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों के द्वारा अपने पदों का दुरूपयोग किया जा रहा है.
छापे के बाद ईडी ने बताया है कि पीपुल्स जनरल हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड, पीपुल्स इंटरनेशनल एंड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और पीजीएच इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड से संबंधित संस्थाओं को शून्य या बहुत कम ब्याज दरों पर रुपये दिए जाते हैं, 250 करोड़ से अधिक का कर्ज भी दिया गया है. जिससे शेयरधारकों को गलत नुकसान होता है और संबंधित संस्थाओं को गलत लाभ होता है. बता दें कि प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत ED ने मामला भी दर्ज किया है.
बता दें कि ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया है. इसके लिए ग्वालियर स्थित रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज ने शिकायत दाखिल करके आरोप लगाया था कि पीपुल्स जनरल हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड, पीपुल्स इंटरनेशनल एंड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और पीजीएच इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड डायरेक्टरों पदों का दुरूपयोग किया. जिसके बाद ईडी ने कार्रवाई की है.
इससे पहले साल 2022 में भी पीपुल्स ग्रुप पर फॅारेन फंडिंग में गड़बड़ी का आरोप लगा था. जिसके बाद ईडी ने दबिश दी थी. इस दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने पीपुल्स ग्रुप के न्यूज पेपर, कॅालेज के अलावा इससे जुड़े कई ठिकानों पर छापा मारा था. बता दें कि पीपुल्स ग्रुप से जुड़े प्रतिष्ठानों के अधिकतर डायरेक्टर विजयवर्गीय परिवार के सदस्य हैं. अब देखने वाली बात होगी की ईडी के द्वारा पीपुल्स ग्रुप पर आगे क्या कार्रवाई की जाती है.