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10 अक्टूबर को नहीं रहेगा कोई श्राद्ध, जानिए कब किस तिथि का निकलेगा श्राद्ध

जयपुर : भाद्रपद पूर्णिमा पर श्राद्ध पक्ष (कनागत) शुरू हुए। पहले दिन पूर्णिमा व प्रतिपदा का श्राद्ध है। श्राद्ध पक्ष 14 अक्टूबर तक रहेगा। इस बीच 10 अक्टूबर को तिथि के अनुसार कोई श्राद्ध नहीं है, हालांकि नक्षत्र के अनुसार मघा का श्राद्ध रहेगा। श्राद्ध पक्ष के 15 दिनों में पितरों को याद किया जाएगा और पितृ तर्पण होंगे। इसके बाद 15 अक्टूबर को नवरात्र शुरू होंगे।

भाद्रपद पूर्णिमा शुक्रवार को दोपहर 3.28 बजे तक है, इसके बाद आश्विन कृष्ण प्रतिपदा लग जाएगी। इसी दिन पूर्णिमा और प्रतिपदा तिथि का श्राद्ध है। हालांकि आश्विन का महिना 30 सितंबर से शुरू होगा। ज्योतिषाचार्य का कहना है कि श्राद्ध दोपहर 1.28 से 3.50 बजे तक निकालना शास्त्र सम्मत है। पंचांगों में श्राद्ध का निर्णय करते समय अपराह्न व्यापिनी तिथि को ही श्राद्ध की तिथि तय की जाती है। यदि अपराह्न व्यापिनी तिथि दो दिन असमान रूप से रहे, यानी एक दिन अधिक और दूसरे दिन कम समय व्याप्त रहे तो अधिक अपराह्न काल वाली तिथि में ही श्राद्ध करना चाहिए।

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि 10 अक्टूबर को एकादशी दोपहर 3.09 बजे तक है, इसकेे बाद द्वादशी तिथि लग जाएगी, लेकिन 11 अक्टूबर को द्वादशी तिथि शाम 5.38 बजे तक है, ऐसे में इस दिन द्वादशी का मान 11 अक्टूबर को अधिक है। इसलिए द्वादशी तिथि का श्राद्ध 11 अक्टूबर को निकलेगा। वहीं एकादशी का श्राद्ध 9 अक्टूबर को निकाला जाएगा।

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि पितरों के लिए समर्पित श्राद्ध पक्ष में कोई भी शुभ काम नहीं होता है। इस दौरान गृह प्रवेश, कानछेदन, मुंडन, शादी—विवाह नहीं कराए जाते हैं। इसके साथ ही इन दिनों में न कोई नया कपड़ा खरीदा जाता और न ही नया कपड़ा पहना जाता है। श्राद्ध पक्ष में पितरों के लिए हर दिन खाना निकाला जाता है। ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है। कौवों और गायों को रोटी खिलाई जाती है।

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