नई दिल्ली (एजेंसी)। भारत और अमेरिका के बीच राजनयिक देवयानी खोबरागड़े केस की फांस निकल नहीं रही है। वीज़ा धोखाधड़ी और झूठे बयान देने के मामले में न्यूयॉर्क में गिरफ्तार हुईं राजनयिक देवयानी शुक्रवार रात को दिल्ली पहुंच गईं। पूरी राजनयिक छूट मिलने के बाद देवयानी को भारत सरकार ने वापस बुला लिया और अब वो विदेश मंत्रालय में तैनात रहेंगी। मामले में कड़ा रुख अपनाए भारत ने भी देवयानी के बराबर का रसूख वाले अमेरिकी राजनयिक को वापस अमेरिका भेजने को कहा है। वहीं, देवयानी के खिलाफ अमेरिका में मुकदमा दर्ज रहेगा और अमेरिका में उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया जा सकता है। शुक्रवार रात करीब 10 बजकर 40 मिनट पर भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े दिल्ली एयरपोर्ट से जब बाहर निकलीं तो उन्होंने अपना चेहरा ढका हुआ था। मीडियाकर्मी उनसे बात करने की कोशिश कर रहे थे लेकिन वो कुछ भी बोलने को तैयार नहीं थीं। देवयानी को एयरपोर्ट लेने पहुंचे उनके पिता उत्तम खोबरागड़े ने कहा कि वो अपनी बेटी को वापस देखकर बहुत खुश हैं और सबका धन्यवाद करते हैं। इसके बाद देवयानी अपने पिता के साथ लाल बत्ती गाड़ी में बैठकर महाराष्ट्र सदन पहुंच गईं। देवयानी मीडिया के सवालों से लगातार बच रही थीं। महाराष्ट्र सदन में उन्होंने अमेरिका में अपने साथ हुए दुर्व्यवहार के बारे में कुछ भी बोलने से मना किया लेकिन इस मुश्किल वक्त में साथ खड़े अपने देश का शुक्रिया अदा किया।
पटरी पर नहीं लौट रहे संबंध
लेकिन देवयानी की वतन वापसी के साथ भारत-अमेरिकी संबंध पटरी पर नहीं लौट रहे हैं। जैसे को तैसा के तहत भारत सरकार ने भी अमेरिकी दूतावास से कहा है कि वो देवयानी की रैंक के अपने एक अफसर को दिल्ली में दूतावास से हटाए। भारत ने जिस अमेरिकी राजनयिक को हटाने के लिए 48 घंटे में भारत छोड़ने को कहा है कि उसने कथित रूप से देवयानी की नौकरानी संगीता रिचर्ड्स के पति और दो बच्चों को वीजा दिलाने में मदद की थी। यही नहीं, उसने कथित रूप से डिप्लोमैटिक टैक्स छूट का इस्तेमाल कर संगीता रिचर्ड्स के परिवार को अमेरिका पहुंचाने के लिए टिकट खरीदे थे। भारत के इस कड़े फ़ैसले पर अमेरिका ने खेद जताया है। अमेरिकी विदेश विभाग का कहना है कि वो भारत की मांग पर अपने एक अधिकारी को भारतीय दूतावास से हटाएगा। अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता जेन साकी ने कहा कि हमें इस बात पर गहरा खेद है कि भारत ने हमारे राजनयिक को देश छोड़ने का आदेश देना ज़रूरी समझा। ज़ाहिर है दोनों देशों के रिश्तों के लिए ये चुनौतीपूर्ण समय है और हम ये उम्मीद जताते हैं कि भारत रिश्तों को बेहतर करने के लिए मजबूत कदम उठाएगा।
खत्म नहीं हुईं मुश्किलें
भारत-अमेरिका संबंधों में आए तनाव की वजह बनी देवयानी खोबरागड़े अब दिल्ली में विदेश मंत्रालय में ही तैनात रहेंगी। लेकिन देवयानी के लिए मुश्किलें अभी खत्म नहीं हुई हैं। अमेरिका ने कहा है कि देवयानी को अब कोई राजनयिक संरक्षण नहीं मिला है। अमेरिका में वीजा फर्जीवाड़ा और गलतबयानी के आरोप झेल रहीं देवयानी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया जा सकता है। अमेरिकी विदेश विभाग के मुताबिक अब देवयानी को अमेरिका में प्रवेश की इजाजत नहीं है और अब वो सिर्फ कानून के सामने समर्पण करने के लिए अमेरिका आ सकती हैं। देवयानी का नाम अब अमेरिकी वीजा और आप्रवासन विभाग की निगरानी सूची में भी शामिल कर दिया जाएगा। देवयानी की मुश्किल ये है कि उनके उनके पति अमेरिकी नागरिक हैं और उनके बच्चे भी अमेरिका में ही पढ़ रहे हैं। ऐसे में अगर इस मामले को लेकर दोनों मुल्कों के बीच संबंध नहीं सुधरते हैं तो उन्हें आगे काफी दिक्कतें होंगी। जानकारों की मानें तो भारत और अमेरिका राजनयिक रिश्तों को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। अपनी नौकरानी को कम मेहनताना देने और वीजा फर्जीवाड़ा के आरोप में देवयानी को 12 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था। देवयानी के मुताबिक राजनयिक होने के बावजूद उनके कपड़े उतरवाकर तलाशी ली गई थी और उन्हें अपराधियों के साथ रखा गया था। इसके जवाब में भारत ने अमेरिकी राजनयिकों के विशेषाधिकारों में कटौती कर दी थी। अभी तक न अमेरिकी सरकार ने देवयानी के खिलाफ मुकदमे वापस लेने के लिए कदम उठाए न ही उनकी गिरफ्तारी के लिए माफी मांगी। वहीं देवयानी भी किसी भगोड़े की तरह नहीं, बल्कि पूर्ण राजनयिक संरक्षण हासिल करने के बाद ही अमेरिका से भारत वापस रवाना हुईं। ऐसे में ये जीत हार किसी की नहीं बल्कि कूटनीतिक शह और मात का खेल है, जिसने सतह के नीचे भारत अमेरिकी संबंधों की हलचल को सामने ला दिया है।