राजनीतिराज्य

कांग्रेस कभी भी हमास जैसे आतंकी संगठन का समर्थन नहीं करेगी : दिग्विजय

भोपाल : भारतीय जनता पार्टी (BJP) द्वारा कांग्रेस पर हमास और फलस्तीन मुद्दे का समर्थन करने का आरोप लगाने के बीच, मध्‍यप्रदेश के पूर्व सीएम एवं वरिंष्‍ठ नेता दिग्विजय सिंह ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस कभी भी हमास जैसे ‘चरमपंथी’ संगठन का समर्थन नहीं करेगी।

बता दें कि इजराइल और फलस्तीन के टकराव के बीच दिग्विजय सिंह ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस कभी भी हमास जैसे उग्रवादी संगठन का समर्थन नहीं करेगी। कांग्रेस हमेशा आतंकवाद और हिंसा के खिलाफ रही है। कांग्रेस नेता ने हमास के हमले को आतंकी गतिविधि करार दिया। उन्होंने कहा कि आप इसे आतंकवादी गतिविधि कह सकते हैं। दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) का यह बयान ऐसे वक्त में सामने आया है जब भाजपा ने कांग्रेस पर हमास और फलस्तीन का समर्थन करने का आरोप लगाया है।

कांग्रेस नेता ने प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ छह राज्यों में एनआईए की छापेमारी पर कहा कि यदि इस संगठन के खिलाफ कोई आरोप है, तो छापेमारी करना ठीक है, लेकिन 97 फीसदी मामलों में आरोप झूठे पाए गए हैं। एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने उज्जैन में संवाददाताओं से कहा कि फलस्तीन और इजराइल के बीच सीमा विवाद है। हमास एक आतंकी संगठन है। हम (कांग्रेस) कभी इसका समर्थन नहीं करेंगे… आप इसे आतंकवादी गतिविधि कह सकते हैं।

दिग्विजय सिंह ने कहा कि इजराइल और फलस्तीन के बीच संघर्ष को सुलझाया जाना चाहिए और शांति स्थापित की जानी चाहिए। एक सवाल का जवाब देते हुए दिग्विजय सिंह ने प्रवर्तन निदेशालय, आयकर और सीबीआई समेत केंद्रीय एजेंसियों को राजनीतिक हथियार करार दिया। उन्होंने कहा कि इन एजेंसियों का इस्तेमाल सरकारों को गिराने के लिए किया जा रहा है।

दिग्विजय सिंह ने कहा कि विपक्षी नेताओं के खिलाफ झूठे मामले बनाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री द्वारा (एनसीपी नेता) अजीत पवार पर घोटालों का आरोप लगाने के तीन दिन बाद, अजित पवार (जुलाई में महाराष्ट्र में बीजेपी की) सरकार में शामिल हो गए और डिप्टी सीएम बन गए।

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का यह बयान ऐसे वक्त में सामने आया है जब भाजपा हमास के हमले पर कांग्रेस के रुख पर हमलावर है। कांग्रेस ने अपनी कार्य समिति ने बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया है। इसमें कहा गया था कि पार्टी फलस्तीनी लोगों के जमीन और आत्म-सम्मान के साथ जीने के अधिकारों के प्रति समर्थन को दोहराती है।

Related Articles

Back to top button