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यूरोपीय संघ के नए दूत ने राष्ट्रपति मुर्मू से की मुलाकात, कहा- भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी महत्वपूर्ण

नई दिल्ली : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में पांच देशों के राजदूतों के परिचय पत्र स्वीकार किये। इस दौरान नव नियुक्त यूरोपीय संघ के राजदूत हर्वे डेल्फिन ने अपने प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए। राष्ट्रपति भवन के एक आधिकारिक समारोह में राष्ट्रपति मुर्मू ने इस बात पर जोर दिया कि भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी वैश्विक स्तर पर समूह द्वारा विकसित सबसे महत्वपूर्ण रिश्तों में से एक है।

राजदूत डेल्फिन ने कहा, ‘भारत में यूरोपीय संघ का प्रतिनिधित्व करना और यूरोपीय संघ-भारत को आज और कल की दुनिया के लिए एक निर्णायक शक्ति बनाने में योगदान देना मेरे लिए सम्मान की बात है।’ उन्होंने कहा कि आर्थिक अवसरों को बढ़ावा देना, आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करना, तेजी से हरित और डिजिटल बदलाव को बढ़ावा देना उनके प्रयासों का मुख्य फोकस होगा। यह देखते हुए कि यूरोपीय संघ और भारत, आज, मजबूत द्विपक्षीय सहयोग वाले विश्वसनीय भागीदार और मित्र हैं।

उन्होंने कहा, कि पिछले कुछ वर्षों में, हमारे रणनीतिक संबंध साझा लक्ष्यों और हितों – व्यापार, विश्वसनीय प्रौद्योगिकी, के आधार पर व्यापक और गहरे हुए हैं। इस बात पर जोर देते हुए कि उनके पास इस साझेदारी को एक नए स्तर पर लाने का महत्वाकांक्षी एजेंडा है, उन्होंने कहा, ‘मेरा मिशन यूरोप, भारत, हमारी कंपनियों और हमारे लोगों के पारस्परिक लाभ के लिए इसे वास्तविकता में बदलने में योगदान देना है।’

भारत यूरोपीय संघ का 10वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है, जिसका यूरोपीय संघ के कुल माल व्यापार में 2 प्रतिशत योगदान है। यूरोपीय संघ और भारत के बीच सेवाओं का व्यापार 2022 में €45 बिलियन से अधिक हो गया। इसके अलावा, समग्र रूप से यूरोपीय संघ भी भारत में सबसे बड़े निवेशकों में से एक है। उन्होंने कहा, कि यूरोपीय संघ और भारत को एक-दूसरे से बहुत कुछ हासिल करना है। साथ मिलकर, हमारे पास अपने समय की वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए दुनिया को देने के लिए बहुत कुछ है, चाहे वह भू-राजनीतिक, जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण या सतत विकास हो।’

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