दीपावली पर इस विधि से करें मां लक्ष्मी की पूजा, माता रानी करेंगी धनवर्षा!
नई दिल्ली : दीपावली के दिन मुख्यतः मां लक्ष्मी और गणेश जी का पूजन किया जाता है.पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जब भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या पहुंचे तो सभी अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत में धूमधाम से उत्सव मनाया था. इसी कारण से इस दिन की काफी महत्वता है. जैसा कि सभी लोग जानते हैं कि इस दिन मुख्य रूप से मां लक्ष्मी और गणेश जी का पूजन किया जाता है.
इस दिन हम सभी मां लक्ष्मी से प्रार्थना करते हैं कि मां लक्ष्मी सुलक्ष्मी होकर हम सभी के घर में आयें. इसलिए दीपावली के दिनों में हर कोई अपने घर की साफ-सफाई और रंग-रोगन का कार्य भी करता है. ताकि घर में जितनी भी निगेटिविटी है वह सब घर से बाहर निकल जाए. ताकि घर में सुलक्ष्मी और गज लक्ष्मी का प्रवेश हो. गज लक्ष्मी का अर्थ है माता लक्ष्मी गणेश भगवान के साथ आए. क्योंकि जब भी मां लक्ष्मी भगवान गणपति के साथ आती हैं तो जीवन में धन-धान्य के साथ सद्बुद्धि भी आती है. सही पूजन विधि क्या होनी चाहिए इसके संबंध में बता रहे हैं
दीपावली के दिन पूजन की सही विधि क्या होनी चाहिए. दीपावली के दिन हम लोग जो कलश स्थापित करते हैं. उस कलश के भीतर एक चांदी का सिक्का जरूर रखना चाहिए, जो लोग चांदी का सिक्का रखने में सक्षम नहीं हैं वो समान्य सिक्का भी रख सकते हैं. ताकि आपके पास जो लक्ष्मी आए वो हमेशा कलश भर के आए. कलश के भीतर एक सुपारी भी रखनी चाहिए ताकि वहां गणेश जी भी वास करें.कलश के चारों कोनों पर तिलक भी लगाना चाहिए ताकि हमारे घर में वेद बुद्धि प्रदान हो और चारों दिशाओं के देवता हम पर कृपा करें.
लक्ष्मी जी को भोग लगाते समय भी हमें कुछ सावधानियां रखनी चाहिए. जैसे भोग लगाते समय मां लक्ष्मी को उन्हीं चीजों का भोग लगाना चाहिए, जो मां लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय हैं. मां लक्ष्मी को खीर अत्यंत प्रिय है इसलिए इस दिन मां लक्ष्मी को केसर युक्त खीर का भोग लगाना अति उत्तम माना गया है. इसके अलावा मां को सीताफल, आंवला, बेर, अनार, सिंघाड़ा इमली यह सभी चीज़ें अत्यंत प्रिय हैं. इसलिए मां लक्ष्मी को इन सभी चीजों का भोग लगाना चाहिए. लक्ष्मी जी को गेहूं की बाली के द्वारा सहस्रनामावली का पाठ का अभिषेक करना चाहिए.जिससे मां लक्ष्मी की विशेष कृपा व्यक्ति को प्राप्त होती है.
इस दिन पूजन में मां लक्ष्मी के कुछ विशेष स्रोतों का पाठ जरूर करना चाहिए. इस दिन अष्टलक्ष्मी महा स्त्रोत का पाठ करना चाहिए. इस दिन श्री सूक्त और पुरुष सूक्त का पाठ करना चाहिए. क्योंकि कहा जाता है कि जब भी लक्ष्मी को बुलाओ तो नारायण के साथ ही बुलाओ. क्योंकि भगवान नारायण के साथ आने वाली लक्ष्मी ही व्यक्ति के घर में स्थाई रहती हैं. इसलिए जब भी मां लक्ष्मी का आव्हान करें तो भगवान नारायण के साथ ही करें.
दीपावली के दिन मेरु यंत्र या श्री यंत्र का हल्दी से अभिषेक श्री सूक्त का पाठ करते हुए करना चाहिए. अगर कोई व्यक्ति दीपावली के दिन ऐसा करता है तो निश्चित रूप से उसे जीवन में धन की प्राप्ति होती है. दीपावली की संध्या की शाम से ही ऐसा माना जाता है कि मां लक्ष्मी सभी के घर में प्रवेश करती हैं. इसलिए दीपावली की रात को ब्रह्ममुहूर्त तक जागरण करना चाहिए. जिस दरमियान मां लक्ष्मी के नाम का उच्चारण करते रहना चाहिए, क्योंकि क्या पता कि किस वक्त मां हमारे घर पहुंचे. इसलिए केवल कुछ घड़ी के लिए ही पूजन अर्चन नहीं करना चाहिए. दीपावली का संपूर्ण दिन ही पूजन-अर्चन के लिए बेहद शुभ है.