महाराष्ट्र के कई शहरों में बढ़ता वायु प्रदूषण,स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को दी जा रही ये सलाह
मुंबईः महाराष्ट्र के अनेक शहरों में खराब होती वायु गुणवत्ता के मद्देनजर राज्य स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को परामर्श जारी करके लोगों से सुबह और शाम की सैर, घरों के बाहर व्यायाम करने से बचने को कहा है। उसने कहा कि राज्य के 17 शहरों में बीमारियों पर नजर रखने से पता चलता है कि इनके लिए वायु प्रदूषण जिम्मेदार है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि पांच साल से कम उम्र के बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और पहले से श्वसन संबंधी समस्याओं से जूझ रहे लोगों के स्वास्थ्य को खतरा है। उसने कहा कि सांस और हृदय संबंधी पुरानी बीमारियों से जूझ रहे लोगों को वायु प्रदूषण से बचने के लिए खासतौर पर चौकन्ना रहना चाहिए।
हालात की गंभीरता को देखते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने अच्छी वायु गुणवत्ता बनाए रखने के लिए कुछ कड़े फैसले लिए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने मुंबई में दिवाली तक सभी निर्माण कार्य बंद करने का आदेश दिया है। साथ ही हाईकोर्ट ने दिवाली के मौके पर मुंबई में पटाखे फोड़ने की समय सीमा भी तय की है। दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मायानगरी मुंबई लगातार बिगड़ती वायु गुणवत्ता और श्वसन संबंधी बीमारियां बढ़ने के कारण सुर्खियों में है। सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय ने इस मुद्दे पर हस्तक्षेप किया। उच्च न्यायालय ने शहर के वायु प्रदूषण के स्तर पर स्वत: संज्ञान लिया। वायु गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से 12 नवंबर को मनाई जाने वाली दिवाली तक मुंबई शहर में सभी निर्माण गतिविधियों को रोकने का निर्देश जारी किया।
निर्माण बंद होने पर आसमान नहीं टूट पड़ेगा
हाईकोर्ट ने कहा, “विकास कार्यों से ज्यादा महत्वपूर्ण लोगों की जान है। अगर कुछ दिनों के लिए निर्माण बंद कर दिया जाए तो आसमान नहीं टूट पड़ेगा।” अदालत के इस बड़े आदेश पर आई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हाईकोर्ट के फैसले का उद्देश्य वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाना और मुंबई की वायु गुणवत्ता यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) में सुधार करना है।