एथिक्स कमेटी की बैठक हंगामेदार रहने के आसार, NDA के पास महुआ मोइत्रा के खिलाफ है बहुमत
नई दिल्ली: संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ जांच कर रही लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने अपने ड्राफ्ट रिपोर्ट में महुआ की लोकसभा सदस्यता रद्द करने और महुआ मोइत्रा और दर्शन हीरानंदानी के बीच पैसों के लेन-देन की भी गहन जांच करने की सिफारिश की है।
एथिक्स कमेटी की इस ड्राफ्ट रिपोर्ट में कमेटी के सदस्य बसपा सांसद दानिश अली के व्यवहार की भी निंदा की गई है। एथिक्स कमेटी ने इस ड्राफ्ट रिपोर्ट को स्वीकार करने के लिए आज 4 बजे कमेटी की बैठक बुलाई है, जिसके हंगामेदार रहने के आसार तय माने जा रहे हैं। सत्तापक्ष और विपक्ष के रवैये को देखते हुए यह माना जा रहा है कि ड्राफ्ट रिपोर्ट को स्वीकार करने के लिए कमेटी की बैठक में वोटिंग की नौबत आ सकती है।
अगर एथिक्स कमेटी की बैठक में वोटिंग की नौबत आती है तो किसका पलड़ा भारी रहेगा, आइए आपको आंकड़ों के अनुसार बताते हैं। एथिक्स कमेटी में चेयरमैन विनोद सोनकर को मिलाकर कुल 15 सांसद हैं। इन 15 में से 7 – विनोद सोनकर, सुभाष भामरे, सुनीता दुग्गल, राजदीप रॉय, अपराजिता सारंगी, सुमेधानंद सरस्वती और वीडी शर्मा – भाजपा के सांसद है।
सहयोगी दलों की बात करें तो शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के हेमंत गोडसे को मिलाकर एनडीए सांसदों का आंकड़ा 8 तक पहुंच जाता है जो बहुमत के लिए पर्याप्त है। हालांकि बताया यह जा रहा है कि परिवार में किसी सदस्य की मृत्यु के कारण, भाजपा सांसद सुनीता दुग्गल के आज की बैठक में शामिल होने की संभावना न के बराबर है। लेकिन, इसके बावजूद भाजपा को प्रस्ताव पारित करवाने में दिक्कत नहीं होगी क्योंकि वाईएसआर कांग्रेस के सांसद बालासौरी वल्लभनेनी भी एथिक्स कमेटी के सदस्य हैं और वाईएसआर कांग्रेस आमतौर पर भाजपा के साथ ही खड़ी नजर आती है।
वल्लभनेनी बैठक में शामिल हो या न हो, दोनों ही सूरतों में यह भाजपा के लिए फायदेमंद स्थिति होगी। वहीं, विपक्षी दलों की बात करें तो वह एथिक्स कमेटी की बैठक में कितने एकजुट रह पाएंगे, कहना मुश्किल है। एथिक्स कमेटी में कांग्रेस के 3 सांसद – परनीत कौर, उत्तम कुमार रेड्डी और वैथिलिंगम वे – शामिल हैं। उत्तम कुमार रेड्डी को तेलंगाना में विधान सभा चुनाव के लिए नामांकन करना है, इसलिए वह आज की बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे।
वहीं, परनीत कौर, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पत्नी हैं, जो काफी पहले भाजपा में शामिल हो चुके हैं और ऐसे में कौर के स्टैंड को लेकर कुछ कहा नहीं जा सकता है। अन्य सांसदों की बात करें तो, बसपा सांसद दानिश अली, सीपीएम सांसद पी आर नटराजन और जेडीयू सांसद गिरधारी यादव भी एथिक्स कमेटी के सदस्य हैं।
लेकिन, ये सब मिलकर भी ड्राफ्ट रिपोर्ट को पारित होने से नहीं रोक सकते हैं और ऐसे में यह बताया जा रहा है कि दानिश अली, पी आर नटराजन, गिरधारी यादव, वैथिलिंगम वे और आज की बैठक में नहीं शामिल होने वाले उत्तम कुमार रेड्डी नोट ऑफ डिसेंट (असहमति का नोट) दे सकते हैं, जिसे कमेटी की रिपोर्ट का हिस्सा माना जाएगा।
आपको बता दें कि अगर कमेटी महुआ मोइत्रा को संसद सदस्यता के अयोग्य ठहराने की सिफारिश (भले ही वह बहुमत से हो) लोकसभा स्पीकर से करती है तो फिर इस प्रस्ताव को सदन के अंदर रखा जाएगा और लोकसभा में बहुमत के आधार पर प्रस्ताव पारित हो जाने के बाद टीएमसी सांसद की संसद सदस्यता रद्द घोषित कर दी जाएगी।