India-US मंत्रिस्तरीय वार्ता शुक्रवार को, सुरक्षा सहयोग मजबूत करने पर रहेगा जोर
वाशिंगटन : भारत और अमेरिका के विदेश और रक्षा मंत्रियों की महत्वपूर्ण बैठक शुक्रवार को नई दिल्ली में होगी। इससे पहले अमेरिकी विदेश विभाग ने बुधवार को कहा कि इस सप्ताह नई दिल्ली में होने वाली भारत-अमेरिका टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय वार्ता दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग को प्रगाढ़ करने पर केंद्रित होगी। बता दें, रक्षा मंत्री राजनाथ और विदेश मंत्री जयशंकर 10 नवंबर को नई दिल्ली में पांचवीं भारत-अमेरिका टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय वार्ता के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन का स्वागत करेंगे।
विदेश विभाग के उप-प्रवक्ता वेदांत पटेल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत के साथ अमेरिका की मजबूत साझेदारी है। एंटनी ब्लिंकन रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के साथ टू प्लस टू सुरक्षा वार्ता के लिए नई दिल्ली जा रहे हैं। हमें उम्मीद है कि इस वार्ता से दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग और साझेदारी को गहरा किया जाएगा। इसके अलावा कई विषयों पर चर्चा होगा। पटेल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि इस साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान कुछ मुद्दे स्पष्ट रूप से उठाए गए थे। इसलिए दोनों अमेरिकी मंत्री दिल्ली में अपने समकक्षों के साथ इन विषयों पर सीधे बातचीत करने के लिए उत्सुक हैं।
वहीं, व्हाइट हाउस ने बुधवार को कहा कि भारत अमेरिका के लिए अहम रणनीतिक भागीदार है और यह नई दिल्ली को तय करना है कि मध्य पूर्व सहित दुनिया भर में किसी विशेष संकट या आकस्मिक स्थिति पर उनका रुख क्या होगा। व्हाइट हाउस के प्रमुख अधिकारी जॉन किर्बी ने वॉशिंगन में मीडिया से बात करते हुए कहा, भारत हमारा एक प्रमुख रणनीतिक साझेदार है। मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान सभी ने इसे देखा था। किर्बी ने एक सवाल के जवाब में कहा, हम इसे भारत सरकार और प्रधानमंत्री पर छोड़ते हैं कि वे दुनिया भर में किसी भी विशेष संकट या घटनाक्रम पर उनका रुख क्या होगा, जिसमें मध्य पूर्व भी शामिल है। किर्बी ने कहा कि हम हर दिन भारत के साथ साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित हैं।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि टू प्लस टू वार्ता में रक्षा और सुरक्षा सहयोग के व्यापक पहलुओं, प्रौद्योगिकी सहयोग और व्यक्ति से व्यक्ति के बीच संबंधों में हो रही प्रगति की उच्च स्तरीय समीक्षा की जाएगी। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, मंत्रियों के पास इस साल जून और सितंबर में अपनी चर्चाओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडन की ओर से परिकल्पित भारत-अमेरिका साझेदारी के भविष्य के खाके को आगे बढ़ाने का अवसर होगा। दोनों पक्ष समसामयिक क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे और बहुपक्षीय मंचों और क्वाड जैसे ढांचे के माध्यम से सहयोग बढ़ाने के लिए साझा प्राथमिकताओं के बारे में विमर्श करेंगे।