नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में पलूशन को छूमंतर करने के लिए अरविंद केजरीवाल सरकार ने कृत्रिम बारिश (artificial rain) का प्लान तैयार किया था। 20-21 नवंबर के बीच क्लाउड सीडिंग के जरिए बारिश कराने की योजना बनाई गई थी। तय तारीख आ जाने की वजह से आपके मन में भी सवाल होगा कि राजधानी में कृत्रिम बारिश होगी या नहीं। तो हम आपको बता दें कि अभी ऐसा नहीं होने जा रहा है। इस मामले से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि मौसम की स्थिति अनुकूल नहीं होने की वजह से अभी कृत्रिम बारिश नहीं कराई जाएगी।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी (आईआईटी) कानपुर को इस प्रयोग को दिल्ली में करना था। आईआईटी कानपुर का कहना है कि इसके लिए मजबूत पश्चिमी विक्षोप की आवश्यकता है। क्लाड सीडिंग के लिए पर्याप्त नमी के साथ बादलों की मौजूदगी आवश्यक है। पिछले सप्ताह सरकार और एलजी के सामने प्रजेंटेशन देने वाले आईआईटी कॉनपुर में कृत्रिम बारिश प्रॉजेक्ट के प्रमुख मनिंद्र अग्रवाल ने कहा, ‘कम से कम अगले एक सप्ताह तक मौसम की परिस्थितियां अनुकूल नहीं होंगी।’
दिल्ली सरकार ने राजधानी में वायु गुणवत्ता के गंभीर स्थिति में पहुंचने के बाद कृत्रिम बारिश की योजना बनाई थी। क्लाउड सीडिंग एक आधुनिक तकनीक है जिसके जरिए सिलवर आयोडाइड (AgI) का छिड़काव विमान के जरिए बादलों पर किया जाता है। इससे नमी लिए बादल बारिश के लिए मजबूर हो जाते हैं। अग्रवाल ने कहा, ‘हम 20-21 नवंबर को यह प्रयोग नहीं करने जा रहे हैं, जैसा कि दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया था, क्योंकि हमें बादलों की मौजूदगी की आवश्यकता है। इसकी आने वाले सप्ताह में संभावना नहीं दिख रही है।’
उन्होंने कहा, ‘केंद्र सरकार और अन्य एजेंसियों से अनुमति की प्रक्रिया भी पूरी नहीं हुई है। एक बार जब दोनों शर्तें पूरी हो जाएं तो हम दिल्ली में पहला प्रयोग कर सकते हैं।’ अग्रवाल ने बताया कि एक प्रस्ताव एलजी वीके सक्सेना के पास भी भेजा गया है। पर्यावरण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वायु गुणवत्ता और मौसम की स्थिति पर निगाह रखी जा रही है।
अधिकारी ने कहा कि ‘इन तारीखों पर बारिश के विचार पर दोबारा विचार किया जा रहा है। एजेंसियों से अनुमति समस्या नहीं है। लेकिन हमें मजबूत पश्चिमी विक्षोप की आवश्यकता है, जिससे पर्याप्त मात्रा में बादल आते हैं।’ आईआईटी कानपुर ने क्लाउड सीडिंग के लिए विशेष विमान भी तैयार किया है। दिल्ली पर दो प्रयोग की अनुमानित लागत करीब 13 करोड़ रुपए बताई गई है।