जापान ने तीसरी बार फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट से छोड़ा जहरीला पानी
टोक्योः जापान के क्षतिग्रस्त फुकुशिमा परमाणु संयंत्र से प्रशांत महासागर में उपचारित रेडियोधर्मी अपशिष्ट जल को तीसरी बार छोड़े जाने की प्रक्रिया तय योजना के अनुसार सुरक्षित रूप से समाप्त हो गई। संयंत्र के संचालकों ने सोमवार को यह जानकारी दी। देश के ‘सी फूड’ उत्पादकों को हालांकि पानी छोड़े जाने की प्रक्रिया शुरू होने के बाद लगाए गए चीनी आयात प्रतिबंध से परेशानी हो रही है। सी फूड का आशय समुद्री जल से प्राप्त खाद्य पदार्थ जैसे मछली, झींगा, ऑक्टोपस, सीप, कुछ प्रकार के शैवाल आदि से है।
परमाणु संयंत्र में 2011 में भीषण भूकंप और सुनामी से क्षतिग्रस्त होने के बाद बड़ी मात्रा में रेडियोधर्मी अपशिष्ट जल जमा हो गया है। संचालकों ने 24 अगस्त को उपचारित और अपशिष्ट जल की तीव्रता को कम कर उसे समुद्र में छोड़ना शुरू किया और सोमवार को 7,800 टन शोधित जल को समुद्र में छोड़ने की प्रक्रिया को समाप्त किया गया। इस पूरी प्रक्रिया में दशकों का समय लगेगा। रेडियोधर्मी जल को महासागर में छोड़े जाने का मछली पकड़ने वाले समूहों और चीन सहित पड़ोसी देशों ने कड़ा विरोध किया है।
चीन ने जापानी समुद्री भोजन के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है जिससे जापानी उत्पादकों और स्कैलप्स और अन्य समुद्री भोजन के निर्यातकों को बुरी तरह नुकसान हुआ है। संयंत्र के संचालक, तोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी होल्डिंग्स ने कहा कि तीसरी बार पानी छोड़े जाने की प्रक्रिया पूर्व की तरह सुचारू रूप से चली और उसके तथा सरकार द्वारा लिए गए समुद्री नमूनों से पता चला कि सभी चयनित रेडियोन्यूक्लाइड का स्तर अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों से काफी कम था।