नई दिल्ली: लगातार चौथे दिन कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है। दिसंबर महीने के शुरुआती कारोबारी दिनों में खाड़ी देशों का तेल यानी ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत करीब 7 फीसदी कम हो चुकी हैं। दूसरी ओर अमेरिकी कच्चा तेल जिसे डब्ल्यूटीआई भी कहा जाता है में 5 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। जानकारों की मानें तो दिसंबर खत्म होते-होते खाड़ी देशों का कच्चा तेल 70 डॉलर तक आ सकता है। जिसका प्रमुख कारण डिमांड में गिरावट है।
अगर ऐसा होता है तो भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमत में नए साल पर कटौती शुरू हो सकती है। जो कि 10 रुपए प्रति लीटर तक देखने को मिल सकती है। जी हां, सरकारी अधिकारी पहले ही इस बात के संकेत दे चुके हैं कि अगर क्रूड ऑयल के दाम 80 डॉलर से नीचे लगातार बने रहते हैं तो पेट्रोल और डीजल की कीमत को कम किया जा सकता है। वहीं दूसरी ओर अमेरिकी तेल की इंवेंट्रीज में भी इजाफा हुआ है। डॉलर इंडेक्स में मजबूती की वजह से खाड़ी और अमेरिकी तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है।
खास बात तो ये है कि दिसंबर के महीने में खाड़ी देशों का तेल करीब 7 फीसदी तक सस्ता हो चुका है। 30 नवंबर को ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम करीब 83 डॉलर प्रति बैरल पर थे। जो 77 डॉलर प्रति बैरल पर आ चुके हैं। इसका मतलब है कि खाड़ी देशों का तेल इस दौरान करीब 6 डॉलर प्रति बैरल तक सस्ता हो चुका है। वहीं दूसरी ओर अमेरिकी तेल की कीमत में 5 फीसदी की गिरावट देखने को मिल चुकी है। 30 नवंबर के दिन अमेरिकी तेल के दाम करीब 76 डॉलर प्रति बैरल पर थे, जो करीब 72 डॉलर प्रति बैरल पर आ चुके हैं। इसका मतलब है कि इस दौरान अमेरिकी तेल की कीमत में 3 डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा गिरावट आई है।
जानकारों का अनुमान है कि आने वाले दिनों में कच्चे तेल की कीमत में इजाफे का कोई खास ट्रिगर देखने को नहीं मिल रहा है। दिसंबर के एंड तक खाड़ी देशों का तेल जो भारत सबसे ज्यादा यूज करता है के दाम में और गिरावट देखने को मिलेगी।दिसंबर के एंड तक इस ऑयल के दाम 70 डॉलर प्रति बैरल के लेवल पर आ सकते हैं। जिसके बाद नए साल में भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम में गिरावट देखने को मिल सकती है। जानकारों की मानें जनवरी में शुरू होने वाली संभावित कटौती 10 रुपए तक भी जा सकती है।