देहरादून (गौरव ममगाईं)। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हलाल मार्का उत्पादों पर बैन लगाया है। अब यूपी के बाद उत्तराखंड में भी हलाल मार्का के उत्पादों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अब उत्तराखंड में भी हलाल मार्का उत्पादों पर जल्द बैन लगा सकते हैं।
वैसे तो उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भ्रष्टाचार व अपराधियों पर डंडा चलाने के लिए जाना जाता है। इस कड़ी में अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक बार फिर चर्चाओं में आ गये हैं। इस बार सीएम धामी ने हलाल मार्का के उत्पादों की बिक्री के खिलाफ कड़ा रूख अपनाया है।
दरअसल, उत्तर प्रदेश में हलाल मार्का के उत्पादों पर बैन लगाने की मांग बहुत पहले से ही उठती रही है। यूपी में इसके खिलाफ सीएम योगी की कार्रवाई के बाद उत्तराखंड में कई संगठन इन उत्पादों पर रोक लगाने की मांग करने लगे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खाद्य सुरक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को हलाल मार्का के उत्पादों को चिह्नित करने व आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं। इसके तहत विभाग ने भी रेस्टोरेंट व होटलों को सख्त निर्देश दिये हैं कि बिकने वाला व परोसे जाने वाला मांस हलाल मार्का है या नहीं, इसकी सूचना बाहर लगे बोर्ड पर दें।
क्या है हलाल ?
‘हलाल’ शब्द का अर्थ कानून सम्मत (इस्लाम धर्म के अनुसार) है, जबकि हलाल का विपरीत शब्द ‘हराम’ है। हराम का अर्थ कानून के विपरीत होता है। हलाल मार्का का आशय ऐसे उत्पाद से है, जिन्हें इस्लाम कानून के अनुसार श्रेष्ठ बताया गया है।
हलाल मार्का का उद्देश्य क्या है ?
मुस्लिम देशों ने अपने यहां बिक्री के लिए हलाल मार्का को अनिवार्य किया है। दुनिया में करीब 57 देश ऐसे हैं, जहां सिर्फ खाद्य व अन्य उत्पादों की बिक्री के लिए हलाल मार्का सर्टिफिकेशन लेना अनिवार्य है। हलाल मार्का का सर्टिफिकेशन देने का अधिकार भी मुस्लिम देशों के ही पास है। बाहरी देशों को भी मुस्लिम देशों में उत्पाद बेचने के लिए हलाल सर्टिफिकेशन लेना होता है, जिसके लिए बड़ा शुल्क वसूला जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह शुल्क 26 हजार से 60 हजार रुपये तक है।
अब टूरिस्ट प्लेस पर भी आने लगा ‘हलाल मार्का’
आपको जानकर हैरानी होगी कि अब मुस्लिम देशों ने टूरिस्ट प्लेस में भी हलाल मार्का सर्टिफिकेशन देना शुरू कर दिया है। इन्हें हलाल हॉलिडेज के नाम से जाना जाता है। हलाल ह़ॉलिडेज का आशय ऐसे टूरिस्ट प्लेस से है, जहां इस्लामिक कानूनों का उल्लंघन किये बगैर घूमा जा सकता है। इसके जरिये मुस्लिम देशों की कोशिश है कि मुस्लिम लोग, मुस्लिम देशों के अलावा अन्य देशों में खर्च न कर सकें।
मुस्लिम देशों की अर्थव्यवस्था की ताकत है हलाल मार्का
मुस्लिम देशों की अर्थव्यवस्था में हलाल मार्का उत्पाद आय का मुख्य स्रोत बन चुके हैं। हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया के अनुसार, दुनियाभर में करीब 1.6 मुस्लिम आबादी है, जो विश्व की कुल जनसंख्या का करीब 23 फीसदी हैं। वहीं, एक अनुमान के अनुसार, विश्व में खाद्य व्यापार में करीब 12 फीसद योगदान हलाल मार्का उत्पादों का है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हलाल मार्का उत्पादों की वैश्विक बाजार में जड़ें कितनी गहरी हैं।
जाहिर है कि मुस्लिम देशों द्वारा अन्य देशों पर थोपा गया हलाल मार्का सर्टिफिकेट किसी आर्थिक शोषण से कम नहीं है। ऐसे में भारत में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इस सर्टिफिकेट को अवैध की श्रेणी में मानते हुए इस पर रोक लगादी है। इस कड़ी में अब उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी बड़ा एक्शन लेने जा रहे हैं। हलाल मार्का के खिलाफ सीएम धामी के इस कड़े रूख को लेकर भी उत्तराखंडवासी खासे खुश नजर आ रहे हैं।