उत्तराखंड

उत्तराखंड था खेलों का ‘सरताज’, पहचान से महरूम आज, धामी दिलायेंगे मुकाम

देहरादून (गौरव ममगाईं)। एक समय था जब उत्तराखंड खेलों का सरताज हुआ करता था। 20वीं सदी से ही उत्तराखंड के खिलाड़ियों का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बोलबाला रहा है। बात बॉक्सिंग की हो या फिर हॉकी, फुटबॉल, क्रिकेट समेत अन्य खेलों की, उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश को कई पदक दिलाये हैं, लेकिन कल तक खेलों में अपनी बादशाहत कायम रखने वाला उत्तराखंड आज इस पहचान को कायम रखने में नाकामयाब रहा है। नेशनल गेम्स में उत्तराखंड का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा है। दुर्भाग्य से राज्य गठन के बाद दो दशक तक किसी सरकार ने खेलों के विकास को प्राथमिकता में नहीं लिया, लेकिन देर सवेर ही सही, आखिर अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड को खेलों में उसका खोया मुकाम दिलाने की ठानी है। सीएम धामी ने उत्तराखंड को आगामी नेशनल गेम्स में टॉप-10 में स्थान दिलाने का लक्ष्य रखा है। चलिये पहले जानते हैं खेलों में उत्तराखंड के स्वर्णिम इतिहास के बारे में है..

विश्व प्रसिध्द उत्तराखंड के खिलाड़ी

हरदयाल सिंह (हॉकी) – 1956 ओलंपिक में गोल्ड मेडल

उत्तराखंड के विश्व प्रसिध्द फुटबॉलर रामबहादुर क्षेत्री अपने टीम सदस्यों के साथ

फुटबॉलर (डिफेंडर) रामबहादुर क्षेत्री – विश्व में ‘चाइना वॉल’ नाम से प्रसिध्द

फुटबॉलर त्रिलोक सिंह बसेड़ा – ‘आयरन वॉल ऑफ इंडिया’ नाम से प्रसिध्द

पर्वतारोही बछेंद्री पाल – 1984 में माउंट एवरेस्ट फतेह करने वाली पहली भारतीय महिला

मुक्केबाज पदमबहादुर मल्ल – 1962 में अर्जुन पुरस्कार प्राप्त

हरिदत्त कापड़ी (बास्केटबॉल) – 1974 में अर्जुन पुरस्कार प्राप्त

निशानेबाज अभिनव बिंद्रा – ओलंपिक में गोल्ड मेडल

एथलेटिक्स गीता मनराल – वर्ष 2000 में एशियन गेम्स में सिल्वर मेडल

इन खिलाड़ियों ने उत्तराखंड को देश ही नहीं, अंतर्राष्ट्रीय फलक पर खास पहचान दिलायी है, लेकिन वर्तमान में उत्तराखंड खेल के क्षेत्र में अपने प्रदर्शन को बरकरार नहीं रख पा रहा है।  

नेशनल गेम्स में उत्तराखंड का कैसा रहा प्रदर्शन ?

दरअसल, 2023 में गुजरात में हुए नेशनल गेम्स में उत्तराखंड 26वें स्थान पर रहा था। कहने को उत्तराखंड ने 19 पदक तो जीते, लेकिन गोल्ड सिर्फ एक था। इससे पहले के नेशनल गेम्स में भी उत्तराखंड का प्रदर्शन लगातार गिरता रहा है, लेकिन किसी भी सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इसी का नतीजा रहा कि खेल प्रतिभाओं का हमेशा से धनी रहे उत्तराखंड को गोल्ड मेडल के लिए भी तरसना पड़ रहा है।

अब सीएम धामी दिलायेंगे उत्तराखंड को खोया मुकाम!

सीएम धामी

नेशनल गेम्स में उत्तराखंड के प्रदर्शन को राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी गंभीरता से लिया है। उन्होंने खेल विभाग को खिलाड़ियों को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण मुहैया कराने के निर्देश दिये हैं। ट्रेनिंग के अलावा खिलाड़ियों को रहने व खाने की अच्छी सुविधाएं दी जा रही हैं। सीएम धामी ने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए गोल्ड, सिल्वर व ब्रॉन्ज मेडल विजेताओं को बड़ी नकद राशि देने का एलान भी किया है। इसके अलावा मेडल विजेताओं को सीधे सरकारी नौकरी भी देने की तैयारी है। इससे खिलाड़ी अधिक संख्या में ट्रायल मे हिस्सा लेने पहुंच रहे हैं, जिसे उत्तराखंड के खेल के लिए सकारात्मक संकेत माना जा सकता है।

सीएम धामी के सामने दोहरी चुनौती

नेशनल गेम्स 2024 उत्तराखंड में होंगे

सीएम पुष्कर सिंह धामी के सामने एक नहीं, बल्कि दोहरी चुनौती होगी, पहली यही कि उत्तराखंड के प्रदर्शन में बड़ा सुधार लाना और टॉप-10 में स्थान हासिल करना। वहीं, दूसरी बड़ी चुनौती यह भी है कि नेशनल गेम्स की मेजबानी भी उत्तराखंड को मिली है, इसका सफल आयोजन करना भी मुख्य चुनौती है। खेलों के लिए अवसंरचनात्मक सुविधाओं के साथ उचित प्रबंधन एवं योजना क्रियान्वयन भी आसान नहीं रहने वाला है। हालांकि, सिलक्यारा जैसे बड़े रेस्क्यू, ग्लोबल इन्वेस्टर समिट जैसी बड़ी सफलता हासिल करने के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी से इतनी उम्मीद करना गलत नहीं होगा कि वह हर चुनौती को पार करने में सक्षम हैं।

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