छोटी अवधि की डाकघर बचत योजनाओं पर ब्याज 0.25% घटा, कर्मचारी भविष्य निधि पर बढ़ा
दस्तक टाइम्स एजेंसी/ नयी दिल्ली/चेन्नई: लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दर को बाजार दर से जोड़ने के प्रयासस्वरूप सरकार ने आज अल्पावधि डाकघर बचत जमाओं पर ब्याज दर में 0.25% कटौती कर दी। वहीं दूसरी तरफ कर्मचारी भविष्य निधि पर ब्याज दर मामूली बढ़ाकर 8.8% कर दी गई है।
उधर, चेन्नई में श्रम मंत्री बंडार दत्तात्रेय ने वर्ष 2015-16 के लिये कर्मचारी भविष्य निधि (पीएफ) पर ब्याज दर को मामूली बढ़ाकर अंतरिम रूप से 8.8% करने की घोषणा की। वर्तमान में पीएफ पर 8.75% की दर से ब्याज दिया जाता है। वित्त मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि लघु बचत योजनाओं की ब्याज दर में किया गया बदलाव एक अप्रैल 2016 से प्रभावी होगा। इसके बाद ब्याज दरों को हर तिमाही तय किया जायेगा।
सुकन्या समृद्धि योजना, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना व मासिक आय योजना (एमआईएस) की ब्याज दर इस समय सरकारी प्रतिभूतियों पर मिल रहे ब्याज की तुलना में 0.75%, 1% व 0.25% अधिक है। इनकी ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है क्योंकि वे सामाजिक सुरक्षा लक्ष्यों से सम्बद्ध हैं।
इसी तरह लंबी अवधि के पत्रों जैसे कि पांच साल की सावधि जमा, इसी अवधि के राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र व लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) को नहीं छेड़ा गया है। पीएफ पर ब्याज दर बढ़ाने की घोषणा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के केन्द्रीय न्यासी बोर्ड की चेन्नई में हुई 211वीं बैठक के बाद की गई। हालांकि, कर्मचारी संगठन ब्याज दर को बढ़ाकर 8.9% करने की मांग कर रहे हैं।
लघु बचत योजनाओं पर दी जाने वाली ब्याज दरों को बैंकों की दर के साथ जोड़ने की दिशा में कदम उठाते हुए वित्त मंत्रालय ने कहा है कि डाकघर की एक, दो और तीन साल की सावधि जमाओं, किसान विकास पत्र और पांच साल की आवृति जमा योजना पर इतनी ही अवधि की सरकारी प्रतिभूतियों की तुलना में मिलने वाला 0.25% अधिक ब्याज अब एक अप्रैल से वापस ले लिया जायेगा।
मंत्रालय ने यह भी कहा है कि अब से हर तिमाही लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को संशोधित किया जायेगा। फिलहाल पीपीएफ पर 8.7%, सुकन्या समृद्धि योजना पर 9.2% तथा एमआईएस पर 8.4% ब्याज मिलता है। इनमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। डाकघर में एक, दो व तीन साल की सावधि जमाओं पर फिलहाल 8.4% सालाना ब्याज दिया जाता है। किसान विकास पत्र की मूल राशि फिलहाल 100 महीनों (8 साल व चार महीनों) में दोगुनी हो जाती है।
बयान में कहा गया है कि इस कदम से अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे कुल मिलाकर निम्न ब्याज दर प्रणाली की ओर बढेगी तथा अंतत: कम आय वाले व वेतनभोगी श्रेणी को मदद मिलेगी। सरकार ने गंभीर बीमारी, बच्चों की उच्च शिक्षा जैसे वास्तविक और गंभीर मामलों में पीपीएफ खातों को समय से पहले बंद करने की भी अनुमति दे दी है।
इसमें कहा गया है, यह अनुमति समूची जमा पर देय ब्याज दर में जुर्माने स्वरूप एक प्रतिशत कटौती, और खाता खोलने के दिन से पांच साल पूरा करने वाले खातों के लिये ही होगी। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि हर तिमाही के लिये ब्याज दर की घोषणा तिमाही शुरू होने से पिछले महीने की 15 तारीख को कर दी जायेगी। उदाहरण के तौर पर अप्रैल-जून तिमाही के लिये 15 मार्च को ब्याज दर की घोषणा कर दी जायेगी जो कि सरकारी प्रतिभूतियों के अनुरूप होगी।