देहरादून (गौरव ममगाईं)। देश के सबसे तेजतर्रार पुलिस अफसर माने जाने वाले अभिनव कुमार को उत्तराखंड में पुलिस का नया कार्यवाहक डीजीपी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। खास बात ये है कि देश में जब भी आंतरिक सुरक्षा की बड़ी चुनौती आई, वहां अभिनव कुमार को मोर्चे पर लगाया गया। बात कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने के समय आंतरिक सुरक्षा की हो, या आइटीबीपी में रहते हुए लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर तनाव के बीच जवानों की कमान संभालना, अभिनव कुमार ही तैनात रहे। इतना ही नहीं, 2000 में उत्तराखंड राज्य के गठन के समय भी अभिनव कुमार देहरादून में कानून व्यवस्था बनाने में जुटे थे।
देश व प्रदेश की सबसे बड़ी चुनौती का सामना करने वाले अभिनव कुमार को अब उत्तराखंड पुलिस की कमान मिलने के बाद एक बार फिर यह नाम खासी चर्चाओं में आ गया है। माना जा रहा है कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा अभिवन कुमार को खास मकसद से उत्तराखंड पुलिस की कमान सौंपी गई है। सीएम धामी उत्तराखंड को ड्रग फ्री, महिला सुरक्षा, साइबर क्राइम जैसे अपराधों से मुक्त बनाना चाहते हैं। वहीं, अभिनव कुमार राज्य को अपराध मुक्त बनाने के साथ पुलिस के आधुनिकीकरण पर भी खास जोर दे रहे हैं।
वैसे तो पुलिस व सुरक्षा बलों में अधिकारी के तौर पर अभिनव कुमार की उपलब्धियों को सूची बहुत लंबी है, लेकिन अब हम आपको उत्तराखंड पुलिस के नये मुखिया अभिनव कुमार के जीवन से जुड़ी कई रोचक बातें भी बतायेंगे।
बरेली व दून में बीता बचपन, उच्च शिक्षा विदेश में ली
एक टीवी चैनल को दिये इंटरव्यू में उत्तराखंड के नये कार्यवाहक डीजीपी अभिनव कुमार ने बताया कि वह पांचवीं कक्षा तक बरेली में पढ़े व रहे। इसके बाद देहरादून में सेंट जोसेफ एकेडमी व दून स्कूल से पढ़ाई की। इसके बाद लंदन में 12वीं किया और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पॉलिटिक्स व फिलोसफी में बीए व एमए किया है।
आईपीएस बनने से पहले पत्रकार थे अभिनव कुमार
अभिनव कुमार के जीवन की सबसे रोचक बात ये भी है कि आईपीएस में चयन से पहले अभिनव कुमार ने 2 साल पत्रकारिता भी की है। अभिनव ने बताया कि वह इंडिया टुडे में काम कर चुके हैं। शुरुआती समय वह डेस्क में थे और न्यूज व स्टोरी डेवलप करते थे। इसके बाद उन्हें कई बार फील्ड रिपोर्टिंग करने भी भेजा गया। पत्रकारिता के अनुभव ने उन्हें फैक्ट चेक, जवाबदेही, सामाजिक दायित्व को बखूबी समझाया।
पहली बार बम ब्लास्ट की रिपोर्टिंग करने भेजा तो चौंक गये थे अभिनव
अभिनव कुमार पत्रकारिता के वो दिन याद कर हंसते हुए बताते हैं कि पहले वो डेस्क पर थे, अचानक उनके इंचार्ज ने उन्हें फील्ड रिपोर्टिंग के लिए जाने को कहा। उनके लिए आश्चर्य की बात ये थी कि उन्हें बम ब्लास्ट की रिपोर्टिंग करने भेजा जा रहा था। यह जानकर मैं भीतर से चौंक गया था, लेकिन मैने उसे टास्क के रूप में लिया और अपना बेहतर करने का प्रयास किया था।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अभिनव कुमार को कई बड़े मिशन सौंपे हैं। आने वाले दिनों में उत्तराखंड में अपराध के खिलाफ बड़े एक्शन देखने को मिल सकते हैं। बता दें कि सीएम धामी ने 2025 तक उत्तराखंड को ड्रग फ्री करने का लक्ष्य रखा है। साथ ही अपराधियों के खिलाफ भी वर्ष 2022 में अब तक मकोका एक्ट में सबसे ज्यादा केस दर्ज किये गये हैं। सीएम धामी प्रदेश में कानून व्यवस्था एवं प्रशासन को लेकर खासे गंभीर नजर आते हैं।