उत्तराखंड

विदेशी भाषा में करियर बनायेंगे पहाड़ी बच्चे, धामी राज में सरकारी शिक्षा के ‘अच्छे दिन’

देहरादून (गौरव ममगाईं)। अब उत्तराखंड में सरकारी शिक्षा के अच्छे दिन आयेंगे, क्योंकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अब सरकारी स्कूलों में आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा देने जा रहे हैं। इस कड़ी में सीएम धामी ने सरकारी स्कूलों में विदेशी भाषा की स्पेशल क्लास देने का बड़ा फैसला लिया है। कई स्कूलों में विदेशी भाषा की क्लास शुरू भी कर दी गई हैं। खास बात ये भी है कि अभी जिन स्कूलों में विदेशी भाषा की क्लास शुरू हुई है, वे सभी स्कूल पर्वतीय जिले पौड़ी में हैं। इस खास मिशन को डीएम डॉ. आशीष चौहान अंजाम दे रहे हैं। चलिये आइये जानते हैं सीएम धामी की इस योजना के बारे में….

डायट व दून विश्वविद्यालय की ओर से सरकारी स्कूलों में विदेशी भाषा सिखाई जा रही है। दून विवि के विदेशी भाषा एक्सपर्ट बच्चों को चीनी भाषा मंदारिन सीखा रहे हैं। अभी पायलट प्रोजेक्ट के रूप में पौड़ी का चयन किया गया है, यहां बच्चों की विदेशी भाषा सीखने में रूचि व अन्य परिस्थितियों के अनुसार इस कार्यक्रम को विस्तार दिया जाएगा। बाद में चीनी भाषा के अलावा कई अन्य भाषाओं को शामिल करने की योजना भी है।

पर्वतीय क्षेत्रों में सरकारी स्कूलों की शिक्षा गुणवत्ता चिंता का विषय रहा है

दरअसल, उत्तराखंड में 86 प्रतिशत भूभाग पर्वतीय है। यहां कुल 13 में से 9 जिले पूरी तरह पर्वतीय हैं। इनमें सैकड़ों स्कूल बेहद दुर्गम इलाकों में हैं, जहां आवागमन बहुत मुश्किल रहता है। यहां स्कूलों में छात्र संख्या में कमी देखी जाती है, इसलिए सरकार कई स्कूलों में हर विषय के अलग-अलग शिक्षक की व्यवस्था नहीं कर पाती है। एक शिक्षक को एक से अधिक विषय पढ़ाने होते हैं। इससे शिक्षा की गुणवत्ता में गिरावट आती है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने सरकारी स्कूलों में सुधार के कई प्रयास भी किये हैं।

   जाहिर है कि इन विषम परिस्थितियों के बीच अब उत्तराखंड में सीएम धामी ने पर्वतीय क्षेत्रों में सरकारी स्कूलों में विदेशी भाषा की क्लास शुरू कर अभिनव प्रयोग किया है। इससे सरकारी स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार तो आयेगा ही, साथ ही जरूरतमंद मेधावी बच्चे भी विदेशी भाषा व अन्य आधुनिक क्षेत्र में करियर बनाने को प्रेरित होंगे।

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