दस्तक ब्यूरो, देहरादून। कांग्रेस ने राहुल गांधी की भारत न्याय यात्रा के प्लान का ऐलान कर दिया है। 14 राज्यों में कांग्रेस की यात्रा को लेकर कार्यकर्ताओं में उत्साह है, मगर उत्तराखंड में कांग्रेस के लिए बुरी खबर है, क्योंकि राहुल गांधी की यात्रा के रूट में 14 राज्यों को शामिल किया है, मगर उत्तराखंड इससे गायब है। इससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या राहुल गांधी उत्तराखंड में यात्रा निकालने का अपना वायदा भूल गये हैं ? रूट में उत्तराखंड को शामिल न करना उत्तराखंड में पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए भी बड़ा झटका माना जा सकता है।
दरअसल, राहुल गांधी ने करीब तीन महीने पहले कांग्रेस मुख्यालय में हुई पत्रकार वार्ता में कहा था कि वह जल्द भारत जोड़ो यात्रा की तर्ज पर दोबारा यात्रा निकालेंगे। इसमें उत्तराखंड में भी कई दिन की यात्रा निकाली जाएगी। उत्तराखंड में यात्रा के दौरान सेना भर्ती की अग्निवीर योजना का मुद्दा उठाया जाएगा। इससे उत्तराखंड कांग्रेस को भी उम्मीद जगी थी कि राहुल गांधी की यात्रा से प्रदेश में पार्टी के पक्ष में माहौल बन सकेगा। इससे 2019 में मिली करारी शिकस्त से भी बचा जा सकेगा।
राहुल गांधी ने उत्तराखंड कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से यात्रा के लिए रूट भी तय करने को कहा था। इसके बाद प्रदेश पार्टी मुख्यालय में नेताओं की कई बैठकें भी चली थी। मगर, कल जब राहुल गांधी की भारत न्याय यात्रा की घोषणा हुई तो यात्रा के रूट वाले 14 राज्यों के नामों की घोषणा की गई। इसमें उत्तराखंड का जिक्र नहीं है।
कौन-कौन से राज्यों से गुजरेगी यात्रा–
यात्रा 14 जनवरी को मणिपुर से शुरू होगी, जिसके बाद नागालैंड, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात होते हुए 20 मार्च 2024 को महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में संपन्न होगी। 14 राज्यों से होते हुए यात्रा में कुल 6200 किलोमीटर की दूरी तय की जायेगी।
जाहिर है कि कांग्रेस ने यात्रा में उन राज्यों को शामिल किया है, जहां कांग्रेस जीत की अधिक संभावनाएं देखती हैं। इसके अलावा बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, झारखंड जैसे कई राज्यों में कांग्रेस इंडिया गठबंधन के साथियों के साथ चुनाव लड़ेगी, इसलिए कांग्रेस अपनी दावेदारी वाली सीटों में यात्रा के जरिये प्रभाव बनाना चाहेगी और इंडिया गठबंधन के सहारे इन राज्यों में भी अपनी नैया पार लगवाने की कोशिश करेगी।
मगर, इन सबके बीच उत्तराखंड जैसे महत्वपूर्ण राज्य में राहुल गांधी द्वारा वायदा करने के बावजूद उत्तराखंड को यात्रा में शामिल न करने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि क्या कांग्रेस उत्तराखंड में जीत की संभावनाएं कम देख रही है ? ऐसा तो नहीं कि इसी कारण से कांग्रेस ने उत्तराखंड को यात्रा रूट में शामिल नहीं किया ? वहीं, राहुल गांधी की यात्रा रूट में उत्तराखंड को शामिल न करने से पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं को निराशा हाथ लगी है। कांग्रेसियों को लोकसभा चुनाव में नतीजों की चिंता सताने लगी है।