अगर आप भी ब्रिटेन में करना चाहते हैं पढ़ाई तो इससे पहले पढ़ लें ये खबर, नहीं पड़ेगा पछताना
लंदनः ब्रिटिश विश्वविद्यालयों में इस महीने से पढ़ाई शुरू करने वाले भारतीय सहित अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थी अब अपने परिवार के सदस्यों को ब्रिटेन नहीं ला पाएंगे। सोमवार से प्रभावी ब्रिटेन वीजा मानदंडों के तहत सरकार द्वारा वित्त पोषित छात्रवृत्ति पाठ्यक्रमों और स्नातकोत्तर अनुसंधान पाठ्यक्रमों को छोड़कर सभी पर यह नियम लागू होगा।
ब्रिटेन के गृह कार्यालय ने कहा कि वीजा नियमों में किए गए इन बदलावों का उद्देश्य छात्र वीजा का उपयोग कर ब्रिटेन में काम करने के लिए आने वाले लोगों पर लगाम लगाना है और ऐसा अनुमान है कि इस फैसले से 140,000 कम लोग ब्रिटेन आएंगे। इस नियम की घोषणा पिछले साल मई में पूर्व गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने की थी।
ब्रिटेन के गृह मंत्री जेम्स क्लेवरली ने आश्रितों को लाने वाले विदेशी विद्यार्थियों के इस चलन को ‘अनुचित प्रथा’ करार दिया था, जिसके बाद इन सख्त नियमों को कटौती के रूप में देखा जा रहा है। आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि 2019 के बाद से विदेशी विद्यार्थियों द्वारा आश्रितों को लाने की दर में 930 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है।
क्लेवरली ने एक बयान में कहा, ”यह सरकार दूसरे देशों से यहां आने वाले लोगों की संख्या में कटौती कर ब्रिटिश जनता से किए गए वादों को पूरा कर रही है। हमने तेजी से संख्या में कमी लाने, हमारी सीमाओं को नियंत्रित करने और लोगों को हमारी आव्रजन प्रणाली में हेरफेर करने से रोकने के लिए एक कठोर योजना बनाई है, जो इस समूचे साल में लागू की जाएगी।”