नई दिल्ली : बदलते मौसम में बीमारियां फैलती हैं। खासकर बारिश के मौसम में वायरल काफी परेशान करता है। अगर आपकी इम्यूनिटी वीक (immunity week) है तो और भी मुश्किल हो सकती है। अगर इन्फेक्शन वायरस से हुआ है तो इसके लिए दवाएं नहीं बल्कि घरेलू उपचार ज्यादा कारगर हैं।
इसकी वजह यह है कि वायरस पर ज्यादातर दवाएं बेअसर होती हैं। ऐंटीबायोटिक्स भी बैक्टीरियल इन्फेक्शन में काम करती हैं। कोरोना के समय में भी कई ऐसे घरेलू उपचार चर्चित रहे। यहां हम बात करेंगे ऐसी ही होम रेमेडीज की जो दादी-नानी के जमाने से इम्यूनिटी बूस्टर और नैचुरल ऐंटी वायरल माने जाते हैं।
मुलेठी : मुलेठी में काफी स्ट्रॉन्ग ऐंटीवायरल गुण होते हैं। यह भी निमोनिया और सांस से जुड़े कई वायरस खत्म करने की ताकत रखती है। मुलेठी आप गरम पानी में उबालकर या चाय में डालकर पी सकते हैं।यहां तक कि मुलेठी सर्दी के मौसम में आपकी सेहत को कई तरह से लाभ पहुंचा सकती है।
दरअसल, मुलेठी में एंटीऑक्सीडेंट्स, कैल्शियम, एंटीबायोटिक और प्रोटीन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को अंदर से मजबूत बनाने के साथ-साथ बीमारियों से भी बचाते हैं। साथ ही मुलेठी गले की खरास और जलन को भी दूर करती है। मॉनसून में मुलेठी से बनी चाय पीने से कफ की समस्या भी दूर हो सकती है।
सौंफ : भारत में कई ऐसे मसाले और हर्ब्स हैं जिनमें ऐंटी माइक्रोबियल या ऐंटी वायरल गुण होते हैं। इसमें सौंफ का नाम भी शामिल है। एक टेस्ट-ट्यूब स्टडी में यह बात सामने आ चुकी है कि सौंफ के एक्सट्रैक्ट में जानवरों में सांस से जुड़े इनफेक्शन फैलाने वाले वायरस खत्म करने की क्षमता होती है। इसमें इन्फ्लेमेशन कम करने की क्षमता भी होती है।
अदरक : भारतीय घरों में अदरक का इस्तेमाल खूब होता है। बारिश के मौसम में इसे चाय में डालना न भूलें। इसमें भी ऐंटीवायरल गुण पाए जाते हैं। साथ ही यह कई ऐलर्जी भी रोकने में मदद करता है। अदरक घिसकर आप शहद में मिलाकर खाएं तो भी आपको काफी आराम मिलेगा।
तुलसी : तुलसी के पत्तों का सिर्फ धार्मिक महत्व ही नहीं बल्कि ये औषधीय गुणों के लिए भी जाने जाते हैं। इनमें ऐंटी बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होती हैं। ये आपको सीजनल जुकाम, बुखार से रिकवर होने में मदद करते हैं। तुलसी के पत्ते आप ऐसे भी चबा सकते हैं या चाय और काढ़े में पी सकते हैं।
आंवला : आंवले को आयुर्वेद में त्रिदोष नाशक माना जाता है। यह विटामिन सी से भरपूर होता है। यह आपके इम्यून सिस्टम को सपोर्ट करता है और जल्दी रिकवर होने में मदद करता है।
हल्दी वाला दूध : हल्दी वाले दूध को गोल्डन मिल्क भी कहते हैं। दूध में कैल्शियम होता है जिससे वायरस कमजोर पड़ते हैं। इसमें हल्दी और काली मिर्च डालकर पीने से इसके गुण और भी बढ़ जाते हैं।