जम्मू-कश्मीर में कौन फैला रहा है आतंक, जानिए कहां कितने हैं संगठन
नई दिल्ली: बीते दिनों जम्मू-कश्मीर के ऊपरी इलाकों से कई बार घुसपैठ की कोशिश की गई है, जिन्हें हमारे सुरक्षा बलों ने नाकाम कर दिया. लेकिन आंकलन यह लगाया जा रहा है कि आतंकी जम्मू कश्मीर में वापस अपने पैर पसारने की कोशिशों में जुटे हैं. ऐसे में यह बेहद जरूरी है यह जानना कि जम्मू कश्मीर में इस आतंक (terror) के पीछे कौन है. घाटी में कौन से आतंकी एक्टिव हैं और इनका मोडस ऑपरेंडी क्या है. चलिए आपको बताते हैं.
आर्मी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जम्मू कश्मीर में पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट यानी PAFF और द रेजिस्टेंस फ्रंट या फिर TRF, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों की छोटी टुकड़ी एक्टिव है. यानी कुल 4 से 5 आतंकी संगठन जम्मू आतंकी हमलों में शामिल हैं. और इन आतंकी संगठनों में कुल 4 से 5 आतंकी एक्टिव हैं. यानी कुल मिलाकर जम्मू-पुंछ-राजौरी क्षेत्र में लगभग 15-20 पाकिस्तानी आतंकवादियों की मौजूदगी का संदेह है. आतंकियों के ये संगठन 2021 से पूरी तरह एक्टिव हैं. हालांकि आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सेना ने अक्टूबर 2021 से अब तक लगभग 30 आतंकवादियों को मार भी गिराया है.
साल 2021 के बाद से अब तक हुए आतंकवादी हमलों को लेकर सुरक्षा बलों का मानना है कि इन हमलों में आतंकी अपनी नई रणनीति पर काम कर रहे हैं. आतंकी सेना की ऐसी छोटी टुकड़ी को घात लगाकर निशाना बनाते हैं जिसमें कम जवान होते हैं यानी ऐसी सुरक्षा बलों की गाड़ी, या छोटी टुकड़ी जिसमे कुल 4 से 5 जवान हों. उन्हें टारगेट किया जाता है. ये आतंकी पकड़ो और मारो की रणनीति पर काम करते हैं.
जम्मू कश्मीर में हो रही आतंकी गतिविधियों में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी शामिल हैं. #पूंछ रजौरी में खास तौर से हो रही आतंकी घटनाओं में PAFF, TRF जैसे दल शामिल होते हैं. इन चारों संगठनों के आतंकियों द्वारा पिछले दो सालों में घात लगाकर कई हमले किए गए हैं. घात लगाने के लिए सबसे पहले ये एक सुनसान इलाका चुनते हैं फिर करीब 2 से 3 दिन रेकी और मैपिंग करते हैं. उसके बाद घात लगाकर सुरक्षा बलों की छोटी टुकड़ी पर हमला करते हैं. उनके हमले का मकसद पकड़ना और फिर सीधे मारना होता है. आतंकियों की इस घिनौनी चाल में अब तक 25 सैनिक शहीद हो गए हैं. आर्मी सूत्रों का कहना है कि एक समूह में एक पाकिस्तानी आतंकवादी सहित सिर्फ दो लोगों के होने का शक है, जबकि दूसरे आतंकवादी संगठन में एक हाई ट्रेन्ड कमांडर के नेतृत्व में तीन-पांच सदस्य हो सकते हैं. यानी हर एक्टिव टेररिस्ट ग्रुप में सिर्फ 4 से 5 आतंकी शामिल हैं, जिनमें से ज्यादातर विदेशी आतंकी होते हैं.
जम्मू-पुंछ-राजौरी क्षेत्र में लगभग 15-20 पाकिस्तानी आतंकवादियों की मौजूदगी का संदेह है. जिनमें से अधिकांश पाकिस्तानी हैं. 2 से 3 दिन के भीतर सबसे पहले आतंकी गतिविधियों को अंजाम देते हैं, उसके बाद उस इलाके को छोड़ कर कश्मीर भागते हैं, और आखिर में आम लोगो में शामिल हो जाते हैं. हाल के समय में जितने भी आतंकी पकड़े या मारे गए हैं उनमें से किसी के पास भी भारी बैग नहीं मिले इससे ये साबित होता है कि विदेशी आतंकी हथियारों को अब बाहर से नहीं ला रहे बल्कि उन्हें ओवर ग्राउंड वर्कर, सरेंडर किए हुए आतंकियों या फिर एंटी नेशनल लोगो के सपोर्ट से घाटी में ही सप्लाई मिल रही है.