देहरादून (गौरव ममगाईं)। उत्तराखंड में धामी सरकार स्कूली शिक्षा की बेहतरी व छात्रों के सर्वांगीण विकास की दिशा में क्रांतिकारी कदम उठा रही है। अब प्रदेश में स्कूली बच्चों को स्कूली बैग के बोझ से 10 दिनों की राहत देने की तैयारी है। इससे पहले भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रदेश में स्कूली पाठ्यक्रम को गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी जैसी प्रमुख स्थानीय बोलियों में उपलब्ध कराने का फैसला ले चुके हैं। इसके अलावा सरकारी स्कूलों में विदेशी भाषा की क्लास के रूप में भी पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है।
प्रदेश के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की ओर से साल में 10 दिन स्कूली बच्चों को बैग के बिना स्कूलों में आने का फैसला लिया है। यह दिन महीने का अंतिम शनिवार होगा। इस दिन छात्र-छात्राओं को उनके रूचि के अनुसार, कौशल विकास एवं बौध्दिक स्तर को बढ़ाने से जुड़ी गतिविधियां आयोजित होंगी। यह नियम 12वीं तक की कक्षाओं में लागू किये जा सकते हैं। शिक्षा मंत्री के अनुसार, नई शिक्षा नीति में शिक्षा प्रणाली की बेहतरी में अनेक नई व्यवस्थाएं हैं, जिन्हें प्रदेश सरकार प्राथमिकता के साथ लागू कर रही है। इस संबंध में शिक्षा विभाग जल्द आदेश जारी कर सकता है। बता दें कि सीएम पुष्कर सिंह धामी लगातार बाल विकास एवं स्कूली शिक्षा की प्रणाली एवं पध्दति में सुधार की बात करते रहे हैं। उन्होंने छात्रों में किताबी ज्ञान के साथ कौशल एवं बौध्दिक स्तर को बढ़ाने पर भी विशेष जोर दिया है।