आज होगी इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में इजरायल फिलिस्तीन और जेनोसाइड के आरोपों की सुनवाई
नई दिल्ली (विवेक ओझा): इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस यूनाइटेड नेशंस का प्रमुख न्यायिक संगठन है जो दो या दो से अधिक देशों के बीच कानूनी विवादों की सुनवाई कर न्याय देता है। इस समय आईसीजे के पास इजरायल के द्वारा जातीय संहार ( Genocide ) का मामला दर्ज है जिसकी आज सुनवाई होनी है। दरअसल जिस तरह से गाजा में भारी संख्या में लोगों की जानें गई हैं और इंफ्रास्ट्रक्चर को भी बड़ा नुकसान पहुंचा है उसके लिए इजरायल को जिम्मेदार माना जा रहा है और दक्षिण अफ्रीका ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में मामला दायर कर कहा कि इजरायल ने फिलिस्तीन के उग्रवादी संगठन हमास के खिलाफ़ जो युद्ध छेड़ा वो 1948 के जिनोसाइड कन्वेंशन ( Genocide convention) का उल्लंघन है। वहीं इजरायल सरकार के प्रवक्ता इलान लेवी ने कहा है कि साउथ अफ्रीका “हमास रेपिस्ट रेजिम” के कुकृत्यो पर पर्दा डाल रही है और अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में इजरायल आतंकी संगठन हमास और उसके समर्थकों के खिलाफ़ दलीलें देगा।
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय की संरचना:
यह राष्ट्रों के बीच कानूनी विवादों को सुलझाता है और अधिकृत संयुक्त राष्ट्र के अंगों तथा विशेष एजेंसियों द्वारा उल्लिखित कानूनी प्रश्नों पर अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार सलाह देता है। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (International Court of justice-ICJ) का गठन साल 1945 में संयुक्त राष्ट्र के चार्टर द्वारा हुआ था और अप्रैल 1946 में इसने काम करना शुरू किया था। यह संयुक्त राष्ट्र का प्रमुख न्यायिक अंग है जो हेग (नीदरलैंड्स) के पीस पैलेस में स्थित है। इसमें 193 देश शामिल हैं और इसके वर्तमान अध्यक्ष जोन ई. डोनोग्यू हैं। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में 15 न्यायाधीश होते हैं जिन्हें संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद द्वारा नौ वर्ष के के लिये चुना जाता है। ये दोनों निकाय एक समय पर लेकिन अलग-अलग मतदान करते हैं।
निर्वाचित होने के लिये किसी उम्मीदवार को दोनों निकायों में पूर्ण बहुमत प्राप्त होना चाहिये।
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में निरंतरता सुनिश्चित करने के लिये न्यायालय की कुल संख्या के एक-तिहाई सदस्य हर तीन साल में चुने जाते हैं और ये न्यायाधीश पुन: चुनाव के पात्र होते हैं। इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस को एक रजिस्ट्री द्वारा सहायता दी जाती है, रजिस्ट्री आईसीजे का स्थायी प्रशासनिक सचिवालय है। अंग्रेज़ी और फ्रेंच इसकी आधिकारिक भाषाएँ हैं।