राष्ट्रीयलखनऊ

क्रिकेट विकास विरोधी नहीं : न्यायालय

sc2लखनऊ (दस्तक ब्यूरो)। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने एक आदेश में कहा है कि ‘क्रिकेट इस देश के सबसे लोकप्रिय खेलों में एक है’ और इस बात में कोई शंका नहीं है कि केंद्र सरकार द्वारा 16 सितम्बर 2०11 को संशोधित नियमावली के तहत क्रिकेट सहित किसी भी खेल में सर्वोच्च स्तर के प्रदर्शन पर भारत रत्न प्रदान किया जा सकता है। न्यायाधीश इम्तियाज मुर्तजा और न्यायाधीश डी के उपाध्याय की खंडपीठ ने यह आदेश आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर तथा सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर द्वारा सचिन तेंदुलकर को दिए भारत रत्न को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। साथ ही उनके अधिवक्ता अशोक पाण्डेय द्वारा क्रिकेट को पूरे देश के कामकाज को ठप्प करने वाला होने के कारण विकास-विरोधी और राष्ट्र-विरोधी बताये जाने की दलील को बिना आधार के और गलत बताते हुए खारिज कर दिया। उच्च न्यायालय ने याचीगण की इस दलील से भी सहमति नहीं जताई कि प्रधानमंत्री द्वारा बिना किसी निर्धारित प्रक्रिया के अकेले भारत रत्न चुने जाने को बदलने की जरूरत है और कहा कि पूर्व में उपराष्ट्रपति की अध्यक्षता में गठित कमिटी ने ऐसी संस्तुति की थी  जो सही दिखती है।

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