व्यापार

महंगाई को काबू करने बड़ा कदम उठाने जा रही सरकार, भारत ब्रांड आटे की उपलब्धता बढ़ाने की तैयारी

नई दिल्‍ली : मोदी सरकार महंगाई को काबू में करने के लिए एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है। इसके तहत रियायती दर वाले भारत ब्रांड आटे की उपलब्धता और अधिक बढ़ाई जाएगी। इसके लिए भारतीय खाद्य निगम (FCI) जनवरी में तीन सरकारी एजेंसियों को तीन लाख टन गेहूं आवंटित करेगा, जो इसे आटे में तब्दील करेंगी। इस भारत ब्रांड आटे को सस्ती दर पर उपभोक्ताओं को बेचा जाएगा। मौजूदा समय में खुदरा स्तर पर सरकार के हस्तक्षेप के बावजूद गेहूं के आटे की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं।

केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने बताया कि दिसंबर में, तीन एजेंसियों- नेफेड, एनसीसीएफ और केंद्रीय भंडार के माध्यम से लगभग एक लाख टन गेहूं आटे के रूप में बेचा गया था। हम जनवरी में भी इन तीनों एजेंसियों के माध्यम से लगभग तीन लाख टन अधिक गेहूं उतारने की तैयारी कर रहे हैं। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने महंगाई से लोगों को राहत देने के लिए भारत आटा योजना की शुरुआत की थी। इस ब्रांड के तहत सरकारी एजेंसियां आम लोगों को 27.5 रुपए प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर आटा उपलब्ध कराती हैं। सरकारी एजेंसियों ने उपभोक्ताओं को अब तक 1 लाख 16 हजार 617 टन आटा बेचा है।

केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा कि सरकार का लक्ष्य उन क्षेत्रों में कीमतें कम करना है, जहां दरें औसत से अधिक हैं। सरकार की योजना है कि रियायती भाव पर मिलने वाले भारत आटे को उन सभी क्षेत्रों में उपलब्ध कराया जाए, जहां आटे की बाजार दर औसत कीमत से अधिक है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, आटे की अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमत बढ़कर 36.5 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई है। खाद्य पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण दिसंबर में खुदरा महंगाई बढ़कर चार महीने के उच्चतम स्तर 5.69 फीसदी पर पहुंच गई।

केंद्र सरकार का प्रयास है कि खुदरा महंगाई को जल्द से जल्द काबू किया जाए। इसके लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है। बीते कुछ महीनों के दौरान सरकार प्याज से लेकर टमाटर तक की बिक्री कर चुकी है। आम लोगों को महंगाई की मार से बचाने के लिए सस्ते आटे से लेकर दाल तक की बिक्री की जा रही है।

Related Articles

Back to top button