देहरादून (गौरव ममगाईं)। वैसे तो उत्तराखंड की धामी सरकार को सुशासन, आर्थिक विकास व सामाजिक न्याय के लिए जानी जाती रही है, लेकिन इन दिनों धामी सरकार एक नये प्रयोग के लिए देशभर में चर्चा में आ गई है। कई राज्यों ने सीएम पुष्कर सिंह धामी की इस योजना के बारे में जानकारी भी हासिल की है और वे भी इस योजना को अपने राज्यों में शुरू करने की योजना बना रहे हैं।
दरअसल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जीएसटी की चोरी करने वालों पर कड़ा शिकंजा कसा है। सीएम धामी ने जीएसटी की वसूली के लिए ‘बिल लाओ-इनाम पाओ’ के रूप में विशेष योजना शुरू की है। सरकार उपभोक्ताओं को बिल लाने पर मोबाइल फोन, स्मार्ट-वाच, ईयर-बड्स जैसे अनेक इनाम दे रही है। इनाम से आकर्षित होकर उपभोक्ता अपने जीएसटी बिलों को विभाग के मोबाइल एप या वेबसाइट पर लगातार अपलोड कर रहे हैं, जिससे लाखों की संख्या में बिल सरकार के पास पहुंच रहे हैं। इस योजना से टैक्स चोरी तेजी से पकड़ी जा रही है, जिससे टैक्स चोरी करने वालों में खलबली मची हुई है। वहीं, योजना से राजस्व में तेजी से रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी हो भी रही है।
करोड़ों की टैक्स चोरी पकड़ी, 19 प्रतिशत राजस्व बढ़ा
वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के अनुसार, योजना के तहत सरकार को करीब साढ़े 4 लाख उपभोक्ताओं ने बिल जमा कराये हैं, इन बिलों की कुल राशि 207 करोड़ है। सरकार इन बिलों के मदद से जीएसटी संग्रह की जांच कर रही है और टैक्स चोरी करने वाले विक्रेताओं के खिलाफ वसूली की कार्रवाई कर रही है। पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 की तुलना में चालू वित्त वर्ष 2023-24 में 526 करोड़ का अतिरिक्त टैक्स वसूला गया है, जो करीब 19 प्रतिशत ज्यादा है। यह रिकॉर्ड राजस्व है।
सीएम पुष्कर सिंह धामी भी इस योजना के नतीजों को लेकर खासे उत्साहित हैं। यही कारण है कि सीएम धामी ने योजना की समयसीमा में विस्तार करते हुए 31 मार्च 2024 कर दिया है।