नई दिल्ली : सच्चे लोगों पर शनि हमेशा कृपा बरसाते हैं. अच्छे कर्म वाले लोगों पर भी शनि की कृपा हमेशा बनी रहती है. कहते हैं कि जीवन के शुभ और अशुभ कर्मों का हिसाब शनि ही रखते हैं. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, शनि सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह (Planet) है. जहां हर ग्रह ढाई महीने में या 45 दिन में अपनी चाल बदल लेता है. वहीं शनि ढाई वर्ष में अपनी चाल बदलते हैं. वैदिक ज्योतिष के मुताबिक शनि न्यायाधीश देवता हैं. कुंडली में शनि की स्थिति से ही धन की स्थिति तय होती है. शनि के प्रभाव से व्यक्ति राजा से रंक हो जाता है. शनि को फल और कर्म दोनों का कारक माना जाता है.
शनि जीवन में हर तरह के कर्मों का कारक और फलदाता होता है. शनि की विशेष स्थितियों से धन की प्राप्ति सरल हो सकती है और मुश्किल भी हो सकती है. शनि की महादशा 19 साल तक चलती है. नकारात्मक प्रभाव होने पर शनि लंबे समय तक कष्ट देते हैं. शनि नकारात्मक हो तो साढेसाती या ढैया घोर दरिद्रता देती है. कुंडली में बेहतर योग होने के बावजूद अगर कर्म शुभ ना हो तो शनि धन की खूब हानि करवाता है.
शनि व्यक्ति को मालामाल बना सकते हैं. अच्छे कर्म करने पर धन वर्षा करते हैं शनिदेव. कहते हैं कि शनि जीवन में हर तरह के शुभ अशुभ हिसाब रखते हैं. मनुष्य के जीवन में कर्म बहुत ही महत्व रखते हैं जैसा कर्म वैसा ही जीवन. शनि की टेढ़ी नजर जिस भी व्यक्ति पर पड़ती है उस व्यक्ति का जीवन कष्टों से भर जाता है.
खास कामों से प्रसन्न होंगे शनि
- साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें.
- घर और मोहल्ले को गंदगी से दूर रखें.
- गरीबों को काले चने, काले तिल या उड़द, काले कपड़े दान करें.
- धूप से बचने के लिए काले छातों का दान करें.
- कभी किसी जरूरतमंद का फायदा न उठाएं.
- किसी भी व्यक्ति का अहित न करें.
- पेड़ पौधों को नुकसान न पहुंचाएं.
- पीपल के वृक्ष का विशेष ध्यान रखें.
- शनिदेव के मंत्रों का जाप करें. मंत्र है- ऊं शं शनैश्चराय नम: .
ज्योतिषियों के मुताबिक, ईमानदार और मेहनती लोगों को शनि अच्छा फल देते हैं. शनि अपने भक्तों को परम कल्याण की ओर भेजते हैं. शनि अर्थ, धर्म, कर्म और न्याय के प्रतीक हैं. शनि ही धन संपत्ति और मोक्ष देने वाले माने जाते हैं. माना जाता है कि जो व्यक्ति शनिदेव को प्रसन्न कर देता है उसके सभी कार्य पूर्ण हो जाते हैं.
अगर शनि कुंडली के अशुभ भावों में हो, अगर शनि नीच राशि में हो या सूर्य के साथ हो, अगर कुंडली में प्रतिकूल शनि हो या शनि की साढ़ेसाती या ढैया चल रही हो. अगर बिना सही निर्णय के आपने नीलम धारण किया हो. अगर किसी व्यक्ति का आचरण शुद्ध ना हो.
अगर शनि कुंडली में अनुकूल हो, तीसरे, छठे या एकादश भाव में हो. अगर शनि उच्च का हो या अपने घर में हो. अगर शनि विशेष अनुकूल हो और उस समय शनि की महादशा साढ़ेसाती या ढैया चल रही हो.
धन प्राप्ति के लिए करें शनि के उपाय
- शनिवार को पीपल वृक्ष के नीचे सरसों का दीपक जलाएं.
- शनिदेव के तात्रिंक मंत्र का 108 बार जाप करें. मंत्र है- ऊं प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम: .
- किसी निर्धन व्यक्ति को सिक्कों का दान करें.
- शनिवार सुबह पीपल के वृक्ष में जल डालें. शाम को उसी वृक्ष के नीचे एक मुखी दीपक लोहे की कटोरी में जलाएं.
- वहीं शनि चालीसा का पाठ करें और पाठ के बाद निर्धन व्यक्ति को भोजन कराएं. साथ ही इस दिन सात्विक रहें.
अपने धन के कुछ हिस्से से हर महीने सरसों के तेल या काली दाल का दान करें. एक लोहे का सिक्का काले कपड़े में बांधकर घर की अंधेरी जगह पर रख दें. साथ ही दान करने का घमंड भी नहीं करना चाहिए.