श्रीलंका ने पारित किया ऑनलाइन सेफ्टी बिल, इंटरनेट को करेगा रेग्यूलेट
नई दिल्ली (विवेक ओझा): श्रीलंका की संसद ने एक इंटरनेट रेगुलेशन बिल ( Internet regulation bill) पारित किया है। इसे ऑनलाइन सेफ्टी बिल ( online safety bill) के रूप में पारित किया गया है। यह बिल सरकार को ऐसे आयोग के गठन का अधिकार देगा जिसके पास लोगों और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स को ऑनलाइन पोस्ट को हटाने का आदेश देने का अधिकार होगा। इसके जरिए श्रीलंका सरकार आपत्तिजनक ऑनलाइन पोस्ट हटाने की कार्यवाही कर सकेगी। 225 सदस्यों ने इसके पक्ष में और 62 सांसदों ने इस बिल के विपक्ष में मतदान किया है। वहीं न्यूयॉर्क स्थित ह्यूमन राइट्स वॉच ने इस बिल का विरोध किया है और इसे मानवाधिकार, सिविल लिबर्टीज, विचार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए एक झटका बताया है। एशिया इंटरनेट कोलिशन जिसके एप्पल, अमेजन, गूगल, याहू जैसे सदस्य हैं, का कहना है कि श्रीलंका का यह कदम उसकी डिजिटल इकोनॉमी और श्रीलंका में आने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को प्रभावित करेगा।
दरअसल श्रीलंका सरकार अपनी आर्थिक तंगहाली, बेरोजगारी, आर्थिक नीतियों के स्तर पर जनता की आलोचना का सामना करती रही है और चीन से संबंधों के मुद्दे पर भी श्रीलंकाई नागरिकों ने अपने विचार ऑनलाइन पोस्ट के जरिए व्यक्त किए हैं। इसके चलते श्रीलंका सरकार को डर है कि कहीं बड़े विरोध प्रदर्शन के लिए सोशल मीडिया नेटवर्किंग साइटों और इंटरनेट का इस्तेमाल उसके खिलाफ न होने लगे। इसलिए ऑनलाइन सेफ्टी बिल लाया गया है लेकिन श्रीलंका सरकार के इस नए बिल की आलोचना भी होने लगी है और कहा जा रहा है कि यह विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को नकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा। मालदीव हो , श्रीलंका हो या कोई अन्य दक्षिण एशियाई देश इंटरनेट की आजादी को गवर्नेंस पर एक दबाव के रूप में माना जाता है।