नई दिल्ली: कथित आबकारी घोटाले से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पांचवीं बार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के लिए समन जारी किया है। उन्हें दो फरवरी को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। इसे लेकर आप और भाजपा एक बार फिर आमने सामने हैं। भाजपा का कहना है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री सच्चाई से भाग रहे हैं और जांच में एजेंसी को सहयोग नहीं कर रहे है। उधर, आम आदमी पार्टी की तरफ से कहा गया है कि समन को पढ़ेंगे। उसके बाद कानून के दायरे में जो भी उचित होगा, वही करेंगे।
दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का कहना है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री खुद संवैधानिक पद पर बैठे हुए हैं। पिछले चार समन में नए-नए बहाने बनाकर बचने की कोशिश कर संविधान का भी मजाक बना रहे हैं। उन्हें कानूनी प्रक्रिया से भागना नहीं चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि शराब घोटाले के पीछे मुख्यमंत्री की भूमिका को लेकर जांच एजेंसी जो सवाल पूछेगी, उसका जवाब उनके पास नहीं है। इसलिए जांच से बचने की कोशिश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री लगातार जांच से भाग रहे हैं।
आप की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि पूर्व में जो चार समन दिल्ली के मुख्यमंत्री को मिले थे वो गैर कानूनी थी। अभी जो पांचवां समन मिला है, उसे हमारी लीगल टीम पढ़ रही है जो भी कानूनी रूप से सही होगा वो ही करेंगे। गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल को इससे पहले एजेंसी पिछले साल दो नवंबर, 21 दिसंबर और इस साल तीन और 18 जनवरी को समन भेज चुकी है।
आम आदमी पार्टी चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली के आरोपों को लेकर दो फरवरी को भाजपा मुख्यालय पर प्रदर्शन करेगी, जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान समेत पार्टी के अन्य नेता व कार्यकर्ता शामिल होंगे। पार्टी का आरोप है कि किसी भी समीकरण के आधार पर भाजपा मेयर का चुनाव नहीं जीत सकती थी, लेकिन सोची समझी साजिश के तहत चुनाव को जीता गया।
इस मामले को लेकर व्यापक स्तर पर पार्टी विरोध प्रदर्शन करेगी। बता दें कि, मंगलवार को हुए चंडीगढ़ मेयर चुनाव में भारतीय जनता पार्टी जीत गई थी। आम आदमी पार्टी का आरोप है कि बीजेपी संख्याबल के लिहाज से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी गठबंधन से पीछे थी। 20 पार्षदों वाला गठबंधन मेयर चुनाव में हार गया और 16 वोट के साथ भाजपा का मेयर जीत गया।