अमेरिका में H1B वीजा धारकों को बड़ी राहत, पत्नी-बच्चे भी अब कर पाएंगे काम
वाशिंगटन : अमेरिका में एच1बी वीजा धारकों बड़ी राहत देते हुए वीजा धारक के पति या पत्नी और बच्चों के लिए काम करने की स्वत: अनुमति व्यवस्था की गई है। इसके लिए व्हाइट हाउस के समर्थन के साथ दोनों दलों ने समझौता किया। इसमें करीब 1 लाख एच4 वीजा धारकों को काम करने की अनुमति मिलेगी। यह सभी एक विशेष श्रेणी एच1बी वीजा धारकों के वैवाहिक साथी और बच्चे हैं। वहीं रविवार को व्हाइट हाउस में दोनों दलों में लंबी बातचीत के बाद घोषित नेशनल सिक्युरिटी एग्रीमेंट के तहत भी एच1बी वीजा धारकों के ढाई लाख बच्चों को राहत दी गई है। इन प्रावधान का भारतीयों को काफी फायदा मिल सकता है, जो बड़ी संख्या में अमेरिका में रह रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा आईटी विशेषज्ञ हैं, जो काफी समय से ग्रीन कार्ड मिलने का भी इंतजार कर रहे हैं। इसके बिना उनके वैवाहिक साथी व बच्चे अमेरिका में काम नहीं कर सकते।
इस बीच भारतीय अमेरिकी आप्रवासियों को इमिग्रेशन रिफॉर्म बिल से भी फायदा मिलेगा। अगले 5 साल तक हर साल रोजगार ग्रीन कार्ड 18 हजार ज्यादा जारी होंगे। एच1बी वीजा धारकों के वैवाहिक साथी और बच्चों को एच4 वीजा दिए जाते हैं। कानूनी तौर पर अमेरिका आकर काम करने वाले माता-पिता के बच्चों को 21 वर्ष से अधिक उम्र का होने पर ‘ऐज्ड आउट’ माना जाता है। नए प्रावधानों में यह बच्चे अगर 21 साल के होने से पहले 8 साल से अमेरिका में हैं, यानी एच4 वीजा धारक बने हुए हैं, तो उन्हें अस्थायी तौर पर अमेरिका में रहने व काम करने की अनुमति मिल जाएगी।
बाइडन ने बताया कि नई व्यवस्था में अमेरिका पहुंचे शरणार्थियों को स्क्रीनिंग के बाद काम की अनुमति देने की प्रक्रिया तेज की जाएगी। उनके लिए कानूनन 180 दिन का वेटिंग पीरियड निर्धारित है। नई व्यवस्था में वे काफी पहले से काम करने योग्य माने जाएंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बयान जारी किया कि दशकों से आप्रवासियों के लिए व्यवस्था बिगड़ी हुई थी। इसे सुधारने का समय आ गया है। अब अमेरिका को ज्यादा सुरक्षित बनाया जाएगा, सीमा भी सुरक्षित बनेगी और लोगों से उचित व मानवीय व्यवहार होगा।
व्हाइट हाउस के अनुसार 30 साल में पहली बार आप्रवासी वीजा की सीमा बढ़ाई गई है। हर साल 50 हजार वीजा दिए जाएंगे, इससे अगले पांच साल में 2.50 लाख वीजा जारी होंगे। इनमें 1.60 लाख वीजा परिवार आधारित और 90 हजार रोजगार आधारित होंगे।