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Maldives: अवैध तरीके से व्यापार कर रहे 43 भारतीय समेत 186 विदेशियों को देश निकाला

नई दिल्ली : गैर-कानूनी तरीकों से कारोबार करने के आरोप में मालदीव 43 भारतीयों (43 Indians) सहित 186 विदेशी नागरिकों को देश से निकालेगा। निर्वासित किए जाने वाले विदेशी नागरिकों के निष्कासन का आदेश जारी हो गया है। इन सभी पर मालदीव में अलग- अलग तरह के अपराधों में लिप्त होने के आरोप लगाए गए हैं। खासतौर पर सभी को गैर-कानूनी तरीकों से कारोबार करने का आरोपी बताया गया है। मालदीव के गृह मंत्रालय का दावा है कि ये विदेशी लोग स्थानीय लोगों के नाम पर व्यापार कर रहे हैं, लेकिन पैसा अपने खातों में जमा कर रहे हैं।

मालदीव के गृह मंत्रालय की तरफ जारी एक सार्वजनिक सूचना के मुताबिक 12 देशों के कुल 186 नागरिकों को देश से निकाले का फैसला किया गया है। इनमें सबसे ज्यादा 83 बांग्लादेशी नागरिक हैं। दूसरे नंबर पर 43 भारतीय हैं। इसके बाद तीसरे स्थान पर 25 श्रीलंकाई और चौथे पर 8 नेपाल के नागरिक हैं। दिलचस्प रूप से इस सूची में कोई भी चीनी नागरिक नहीं है। हालांकि, फिलहाल इनके लिए देश छोड़ने की आखिरी तारीख की जानकारी नहीं दी गई है।

मालदीव से विदेशी लोगों को निर्वासित करने के मामले में आव्रजन नियंत्रक शमां वहीद ने कहा, अवैध कारोबार कर रहे विदेशियों को खोजने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। अब तक कई लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनके पास वैध दस्तावेज और पासपोर्ट हैं उन्हें निर्वासित कर दिया जाएगा। शमां ने कहा कि आव्रजन और पुलिस का यह अभियान किसी खास समूह के खिलाफ नहीं है।

मालदीव की सरकार के मुताबिक देश में चल रहे सभी गैर-कानूनी व्यापारों को बंद कर दिया जाएगा। मालदीव के गृह मंत्री अली इहुसान ने कहा कि यह फैसला दिसंबर 2021 में लाए गए एक कानून के तहत लिया गया है। बता दें कि बीते दिनों मालदीव सरकार के तीन मंत्रियों ने भारत और पीएम मोदी पर अपमानजनक बयान दिया था, जिसके बाद दोनों देशों के रिश्ते तल्ख हैं।

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