लोकसभा में स्मृति के भाषण पर PM मोदी हुए गद्गद, बोले- सत्यमेव जयते
दस्तक टाइम्स एजेंसी/नई दिल्ली: बुधवार को लोकसभा में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने रोहित वेमुला सुसाइड और जेएनयू में देशद्रोही नारेबाजी मामले पर विपक्ष का आक्रामक जवाब दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके पूरे भाषण को सत्यमेव जयते लिखकर ट्वीट किया। पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में उनके भाषण के वीडियो का लिंक भी दिया है।
गौर हो कि विपक्ष को जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कल कहा था कहा कि मेरा नाम स्मृति है, मैं आपको चुनौती देती हूं कि मेरी जाति बताकर दिखाइए। मुझे सूली पर चढ़ाया जा रहा है, अमेठी से चुनाव लड़ने की आप लोग (कांग्रेस) सजा देना चाहते हैं मुझे। मुझसे जवाब मांगने वाले मुझसे दाखिला कराने को कहते हैं, मैंने कई बार सिफारिश पर दाखिले करवाए हैं।
जेएनयू मामले में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने संसद में आज कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को सीधे निशाने पर लेते हुए कहा कि सत्ता तो इंदिरा गांधी ने भी खोई थी लेकिन उनके बेटे ने भारत की बर्बादी के नारों का समर्थन नहीं किया था।
राहुल पर प्रहार जारी रखते हुए स्मृति ने कहा, ‘सत्ता को इंदिरा गांधी ने भी खोई थी लेकिन उस समय उनके बेटे ने भारत की बर्बादी के नारों का समर्थन नहीं किया था।’ उन्होंने कहा कि अगर राहुल उनसे कहते कि हम दोनों जेएनयू चलते हैं क्योंकि वह जेएनयू जहां के बच्चों ने सीमा पर कुर्बानी दी वहां कुछ लोग आज भारत की बर्बादी के नारे लगा रहे हैं, तो वह खुशी खुशी जातीं। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं कहा। विपक्ष की टोकाटोकी पर उन्होंने व्यंग्य किया कि आप लोग अल्पसंख्यकों की बात करते हैं तो मैं भी यह कह सकती हूं कि मैं एक महिला हूं और अत्यंत सूक्ष्म अल्पसंख्यक वर्ग (पारसी) से आती हूं, इसलिए मुझे नहीं बोलने दे रहे हैं।
स्मृति ईरानी ने कहा कि उन्हे हजारों की संख्या में लोगों से अर्जियां मिली हैं और उन्होंने इसका निपटारा किया और किसी से यह नहीं पूछा कि उनकी जाति या धर्म क्या है। विपक्ष खासकर कांग्रेस के आरोपों पर तीखे तेवर अपनाते हुए स्मृति ने कहा कि मुझे पर आरोप लगाये जा रहे हैं कि हैदराबाद विश्वविद्यालय को पत्र क्यों लिखा। कांग्रेस सांसद हनुमंथ राव के कई पत्र मुझे मिले और इसमें कहा गया कि हैदराबाद विश्वविद्यालय में न्याय होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी नियत में कोई खोट नहीं थी और इस कारण पत्र लिखा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक बच्चे की मृत्यु पर राजनीति की जा रही है। जिस समिति ने दलित बच्चे को बर्खास्त करने की सिफारिश की, उसका गठन कांग्रेस की सरकार के समय हुआ था। अपनी बात रखते हुए कई बार स्मृति बेहद भावुक हो गई और अपने भावनाओं पर काबू करती दिखीं। उन्होंने कहा कि रोहित के शव का इस्तेमाल राजनीतिक हथियार की तरह किया गया। उस बच्चे के पास काफी समय तक कोई नहीं गया। उन्होंने सवाल किया कि वहां डाक्टर नहीं पहुंचने पर कौन चिकित्सकीय रूप से इतना कुशल था जिसे वेमुला को मृत घोषित किया। कांग्रेस विशेष तौर पर राहुल गांधी द्वारा विश्वविद्यालय के कुलपतियों को बदलने जाने के आरोप पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि संप्रग के समय नियुक्त किये गए किसी कुलपति को हटाया नहीं गया है।