उत्तर प्रदेशलखनऊ

आज खत्म हो जायेगी यूपी बोर्ड परीक्षा, अंतिम दिन में दो लाख से अधिक परीक्षार्थी देंगे परीक्षा

Up Board Exam 2024: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (Up Board) की 22 फरवरी को शुरू हुई हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की परीक्षाएं आज यानी शनिवार को संपन्न हो जाएगी। परीक्षा के अंतिम दिन दोनों पालियों में दो लाख से अधिक परीक्षार्थी परीक्षा में सम्मिलित होंगे। नौ मार्च तक कुल 16 दिन तक यह परीक्षा चली। हालांकि परीक्षा के दौरान कई दिन गैप भी रहा।

आज प्रथम पाली हाईस्कूल में गुजराती, उर्दू, पंजाबी आदि विषयों की परीक्षा 3409 केंद्रों एवं इंटर की व्यवसायिक वर्ग के विषयों की परीक्षा 1091 परीक्षा केंद्रों पर होगी। इनमें हाईस्कूल में 63508 एवं इंटर में 32,475 समेत कुल 95983 परीक्षार्थी पंजीकृत हैं। द्वितीय पाली में इलेक्ट्रिशियन,आपदा, प्रबंधन, सोलर सिस्टम, रिपेयर व प्लम्बर विषय की परीक्षा एक केंद्र तथा इंटर की संस्कृत व कृषि वर्ग के विषयों की परीक्षा 5613 केंद्रों पर होगी। हाईस्कूल 37 परीक्षार्थी इंटर में 12,7941 परीक्षार्थी समेत कुल 1,27,978 परीक्षार्थी पंजीकृत है। दोनों पालियों 2,23,924 पंजीकृत हैं।

गौरतलब है कि परीक्षा में कुल 55,25,308 परीक्षार्थी पंजीकृत थे। इसमें हाईस्कूल में 29,47,311 एवं इंटरमीडिएट में 25,77997 परीक्षार्थी थे। परीक्षा के दौरान विभिन्न विषयों में खासे परीक्षार्थी परीक्षा से गैरहाजिर रहे। इनकी संख्या पांच लाख से अधिक है। बोडर् इन आंकड़ों को एकत्रित कर रहा है। बोर्ड सचिव दिब्यकांत शुक्ला ने बताया कि नौ मार्च की परीक्षा की तैयारी को लेकर शुक्रवार भी बोर्ड कार्यालय में काम होता रहा। साथ में मूल्यांकन को लेकर भी काम शुरू हो गया है।

श्रीराम की जन्मभूमि पर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बाद शिव भक्तों के लिए भी खुशखबरी आ गई है। मंदिर मस्जिद विवाद की काली छाया के बाद अब लगभग 38 वर्ष बाद शिव भक्तों को यह खुशखबरी मिली है। एक बार फिर श्री राम जन्मभूमि परिसर के कुबेर टीले पर स्थित शिव मंदिर में इस शिवरात्रि को धूमधाम से भोले का अभिषेक भी हुआ और पूजन के समय खुद रामलला भी मौजूद रहे। इसके पहले मंदिर मस्जिद विवाद के बीच सुरक्षा कारणों से कुबेर टीला स्थित शिव मंदिर में पूजा न होने के कारण यह स्थान उजाड़ और क्षतिग्रस्त हो गया था। श्री राम जन्मभूमि निर्माण के साथ ही इसका भी जीर्णोधार हुआ है और यहां पूजन के साथ ही मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हुआ था।

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