महिलाओं में मौजूद पीसीओएस की बीमारी में ब्राउन एडिपोस टिशू हो सकता है लाभदायक
दस्तक टाइम्स एजेंसी/वॉशिंगटन: पॉलीसिस्टक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) से पीड़ित महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण उपचार की खोज की गई है। पीसीओएस से महिलाओं में हार्मोन का स्तर, अवधि और ओव्यूलेशन प्रभावित होता है। यह रिप्रोडक्शन और गर्भावस्था को भी प्रभावित करता है।
ब्राउन एडिपोस टिशू (बैट) उन दो प्रकार के वसा में शामिल है, जो मानवों और अन्य स्तनधारी जानवरों में पाया जाता है। शोधकर्ताओं ने जब पीसीओएस से पीड़ित चूहों में इस वसा को स्थापित किया, तो उन चूहों की मासिक अस्थिरता और गर्भावस्था के परिणामों में सुधार पाया गया।
यह शोध चाइनीज़ अकदमी ऑफ साइंसेस के अंतर्गत इंस्टीट्यूट ऑफ जूलॉजी से वांझू जिन और शेनदोंग यूनिवर्सिटी से झिजियांग चेन ने संयुक्त रूप से किया है।
जिन के अनुसार “इस शोध ने पीसीओएस रोगियों के उपचार में नया और महत्वपूर्ण संकेत दिया है। हालांकि बैट ट्रांस्पलांटेशन अपने आप में बहुत जटिल है। यह मानवों में आसानी से विस्थापित नहीं होता, जिसकी चलते बैट सक्रियता बढ़ाने के लिए दवाइयों का इस्तेमाल पीसीओएस के उपचार में वैकल्पिक उपाय होगा”।
शोधकर्ता अब पीसीओएस पीड़ित महिलाओं में, बैट को सक्रिय करने के लिए चिकित्सीय परीक्षणों की योजना बना रहे हैं।
यह शोध पत्रिका ‘यूएस जर्नल प्रोसीडिंग्स ऑफ दि नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज’ में प्रकाशित हुआ है।