Paytm पर मंडरा रहा संकट टला, 15 मार्च के बाद भी UPI पेमेंट पर नो टेंशन, ये चार बैंक बनेंगे सर्विस प्रोवाइडर
नई दिल्ली: पेटीएम पर मंडरा रहा संकट टल गया है। नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने पेटीएम को मल्टी-बैंक मॉडल के तहत यूपीआई में थर्ड पार्टी एप्लीकेशन प्रोवाइडर के तौर पर भाग लेने की इजाजत दे दी है। बता दें कि, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक को 15 मार्च से डिपॉजिट्स, क्रेडिट लेनदेन और फास्टैग रिचार्ज जैसी सर्विस से रोकने का आदेश जारी किया था। जिसके बार लाखों ग्राहकों पर संकट के बादल मंडराने लगे थे।
इसी बीच बुधवार को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने मल्टी-बैंक मॉडल के तहत थर्ड-पार्टी एप्लिकेशन प्रोवाइडर के रूप में यूपीआई में भाग लेने के लिए पेटीएम की पेरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड को मंजूरी दे दी। जिसके बाद पेटीएम यूजर्स बिना किसी रुकावट के अब अपना लेनदेन कर सकेंगे। एनपीसीआई ने पेटीएम को इन चार बैंकों के साथ मिलकर अपने कामकाज को जारी कर सकेगी। जिसमें एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), यस बैंक शामिल हैं। ये बैंक पीएसपी (भुगतान प्रणाली प्रदाता) बैंक के रूप में कार्य करेंगे।
पेटीएम अब अपने समकक्षों जैसे फोन-पे और गूगल पे की तरह मल्टी-बैंक मॉडल के माध्यम से अपने उपयोगकर्ता आधार को यूपीआई की पेशकश करेगा। एक्सिस, एचडीएफसी, भारतीय स्टेट बैंक और यस बैंक सहित चार प्रमुख बैंक ओसीएल के लिए भुगतान प्रणाली प्रदाता के रूप में कार्य करेंगे। यस बैंक वन97 कम्यूकेशंस लिमिटेड के लिए नए और पुराने यूपीआई मर्चेंट्स के लिए मर्चेंट बनाने के बैंक के तौर पर काम करेगी।
एनपीसीआई ने गुरुवार को कहा कि, पेटीएम हैंडल को यस बैंक पर रीडायरेक्ट किया जाएगा। यह मौजूदा यूजर्स और मर्चेंट्स को यूपीआई ट्रांजैक्शंस और ऑटोपे को सीमलेस तरीके से काम करने में सक्षम बनाएगा। नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने वन97 कम्यूकेशंस लिमिटेड (ओसीएल) को सुझाव दिया है कि वो नए पेमेंट्स सर्विस प्रोवाइडर बैंकों के पास जल्द से जल्द सभी मौजूदा हैंडल्स और मैनडेट्स के माइग्रेशन को पूरा करे।
बता दें कि, पिछले महीने भारतीय रिजर्व बैंक ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए थे। जिसके तहत अगर पेटीएम यूपीआई सर्विसेस पेटीएम पेमेंट बैंक से लिंक है तो वो 15 मार्च के बाद नहीं चलेगी। जिसके बाद पेटीएम पर संकट के बादल मंडराने लगे थे।