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LPG, पेट्रोल, डीजल सस्ता करने के बाद अब दालों के दाम पर सरकार का फोकस, किया ये उपाय

नई दिल्‍ली : लोकसभा चुनाव में महंगाई की दाल गलने न पाए इसके लिए सरकार ताबड़तोड़ कई उपाय कर चुकी है। एलपीजी सिलेंडर की कीमत कम हुई। पेट्रोल-डीजल के दाम घटे और अब दालों के दाम बढ़ने न पाए इसके लिए सरकार ने एक और उपाय किया है। केंद्र सरकार ने बफर स्टॉक के लिए किसानों से सीधे छह लाख टन खरीदने की योजना बनाई है। इसमें चार लाख टन कच्ची अरहर दाल और दो लाख टन मसूर दाल शामिल है।

उपभोक्ता मंत्रालय की वेबसाइट पर दिए गए आंकड़ों के मुताबिक 17 मार्च को देश में अरहर दाल की औसत कीमत 150.22 रुपये प्रति किलो है। सबसे अधिक 199 रुपये और सबसे कम 87 रुपये किलो है। चना दाल की औसत कीमत 82.96 रुपये थी तो अधिकतम मूल्य 140, न्यूनतम मूल्य 60 रुपये प्रति किलो है।

उड़द दाल का रेट 123.72 रुपये प्रति किलो रहा। सबसे महंगा 174 रुपये और सबसे सस्ता 68 रुपये किलो था। उड़द दाल का मॉडल प्राइस 120 रुपये है। इसी तरह मूंग दाल 117.36 रुपये प्रति किलो के औसत रेट से बिका। इसका अधिकतम मूल्य 166 और न्यूनतम 89 रुपये रहा। मसूर दाल की औसत कीमत 93.63 रुपये प्रति किलो रही। 17 मार्च को सबसे सस्ता मसूर दाल 70 और सबसे महंगा 157 रुपये प्रति किलो के रेट से बिका।

अधिकारी ने बताया बफर स्टॉक को बढ़ावा देने के लिए न्यूनतम सुनिश्चित खरीद मूल्य (MAPP) अथवा बफर खरीद मूल्य (DBPP) पर यह खरीद की जाएगी। इन दोनों दालों को सरकारी एजेंसियों नेफेड और एसीसीएफ द्वारा सीधे पहले से पंजीकृत किसानों से खरीदा जाएगा। अरहर की खरीद जनवरी में शुरू हुई और अब तक दोनों एजेंसियों ने लगभग 8,000 टन की खरीद की है। मसूर की खरीद इसी महीने शुरू होने वाली है।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने हाल ही में अरहर दाल खरीद के लिए नए पोर्टल (https://esamridhi.in ) की शुरुआत की है। दाल खरीद के इस नए मंच पर किसान पंजीकरण करा सकते हैं और अपनी उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य या बाजार मूल्य पर एनएएफईईडी और एनसीसीएफ को बेच सकते हैं। दाल की खरीद होते ही नेफेड और एनसीसीएफ किसानों के खाते में ऑनलाइन पैसे जमा करा सकेंगी। इससे पूरी खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता रहेगी।

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