MP: सूर्यास्त के बाद टाइगर रिजर्व की सीमा में भारी वाहनों की ‘No Entry’, एक अप्रैल से लागू होगा नियम
दमोह : एक अप्रैल से सूर्यास्त से लेकर सूर्योदय तक अर्थात रात्रि (Night) में भारी वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध रहेगा। नियम में बताया गया है कि आप एक संरक्षित क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं। मार्ग पर अचानक वन्यप्राणी आ सकते है। वाहन की अधिकतम स्पीड 20 किमी प्रति घंटा रहेगी, वाहन का हार्न न बजाएं। किसी प्रकार का कचरा प्लास्टिक, बोतल आदि संरक्षित क्षेत्र में न फेंके।
इसके साथ ही शस्त्र विस्फोटक सहित प्रवेश वर्जित है, किसी प्रकार की ज्वलनशील वस्तु वन क्षेत्र में न फेंके। नियमों का उल्लघंन करने पर वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। वन्य प्राणी संरक्षण में अपना सहयोग दे। मुहली रेंजर नीरज विसेन ने बताया कि टाइगर रिजर्व में लगातार टाइगर वा अन्य वन्य प्राणियों की संख्या बढ़ती जा रही है और अब सड़क पर भी यह दिखाई देने लगे हैं। उनकी सुरक्षा और लोगों की सुविधा के लिये जागरूक किया जा रहा है। रात के समय केवल इमरजेंसी वाहनों को ही प्रवेश दिया जायेगा।
वीरांगना टाइगर रिजर्व में बाघों के अलग-अलग ठिकाने बनाने के बाद अब बाघ भी अपने एरिया में शिकार की खोज में घूमते रहते है। झापन और मुहली के बीच एक माह में कई बार बाघ मुख्य मार्ग पार करते हुये नजर आया है। मीडिया ने भी मामले का प्रकाशन किया कि यदि रात्रि के समय कोई बाइक सवार यदि बाघ के सामने आ गया तो उसको नुकसान हो सकता है। यह जबलपुर-सागर मार्ग रात्रि के समय ज्यादा चलता है। मामला मीडिया में आने के बाद वीरांगना रानीदुर्गावती टाइगर रिजर्व अधिकारी ने रात्रि में रिजर्व मार्ग से आवागमन पर अंकुश लगाने हेतु आदेश जारी किया है। उसके पंपलेट भी बनवाए गए हैं जिसका प्रचार,प्रसार एवं वितरण कराया जा रहा है।
आदेश का यह नियम एक अप्रैल से लागू होगा, जिसका प्रचार-प्रसार जोरों से टाइगर रिजर्व के अधिकारी,कर्मचारी कर रहे हैं। अभी वाहनों का आवागमन चालू है, जो वाहन टाइगर रिजर्व सीमा से गुजर रहे हैं, उनके चालकों को वनकमी पंपलेट और जानकारी देकर अवगत करा रहे है। जिससे वह एक अप्रैल से लागू होने वाले नियमों की जानकारी रख सकें। पंपलेट में यह भी लिखा है दिन में गुजरने वाले वाहन चालक सड़कों पर कोई सामग्री न डाले, क्योंकि सामग्री देख बंदर उनको खाने आने लगते है। जिस कारण दूसरे वाहन उनको टक्कर मार देते है। ऐसे में कई बेज़ुबान जानवरों की मौत हो चुकी है, जिस पर अब अंकुश लगाने की प्रकिया टाइगर रिजर्व के अधिकारियों द्वारा शुरू की गई है।