जैश का 17 साल का पाकिस्तानी हमलावर गिरफ्तार, कई खुलासे किए
दस्तक टाइम्स एजेंसी/नई दिल्ली: अपने नापाक इरादों के लिए आतंकियों ने अब छोटे बच्चों को भी आतंकवाद की भट्ठी में झोंक दिया है। यह साबित होता है कश्मीर के बारामूला में पकड़े गए 17 साल के फिदायीन से। वह जैश-ए-मोहम्मद की अफजल गुरु स्क्वाड का फिदायीन था और उसे इस ओर हमले करने के लिए भेजा गया था।
सेना ने पुलिस की मदद से बारामुला से जैश-ए-मोहम्मद के नाबालिग पाकिस्तानी आत्मघाती हमलावर को गिरफ्तार किया है। उसके पास से एक एके-47, पांच मैगजीन, 150 गोलियां, छह ग्रेनेड और सेटेलाइट फोन बरामद हुआ है।
तीन महीने पहले कुपवाड़ा में हुए आतंकी हमले के मामले में आतंकी सादिक गुज्जर की सुरक्षाबलों को काफी लंबे समय से तलाश थी। वह 15 नवंबर को तंगधार में आर्मी कैंप में हुए आतंकी हमले में शामिल था। उसके तीन साथी हुसैन, मल्लिक और रिजवान इसी हमले में सेना के हाथों मारे जा चुके हैं। पूछताछ के दौरान उसने माना कि सेना के तंगधार कैंप में ऑयल डिपो में आग लगाई थी, जिसमें सेना के कुछ वाहन जलकर नष्ट हो गए थे। इसके बाद उसे साथियों ने छोड़कर जाने के निर्देश दिए थे।
उसने यह भी बताया कि जैश के आतंकियों को पीओके से लॉन्च किया जाता है। इनका काम एलओसी पर तैनात सेना के कैंपों पर हमला करने का होता है। जांच में आतंकी ने बताया कि उसने जीपीएस की मदद से 24 नवंबर की रात को पैदल सीमा पार की थी। इसके बाद तंगधार के लिए वह लगातार 6-7 घंटे चलते रहे। हमले के बाद वह तीन दिनों तक जंगल में छुपा रहा। इसके बाद उसके आकाओं ने उसे कुपवाड़ा भेज दिया।
पकड़े गए जैश-ए-मोहम्मद के फिदायीन आतंकी की पहचान सादिक गुज्जर के रूप में हुई है। वह पाकिस्तान के सियालकोट का रहने वाला है। सादिक सियालकोट के अच्छे किसान परिवार से संबंध रखता है। फिदायीन सादिक की उम्र 17 साल है। उसके पांच भाई और दो बहनें हैं। उसे स्कूल के दोस्त ने लालच देकर आतंकी संगठन में शामिल करवा दिया। उसे स्कूल में जैश आतंकी संगठन के बारे में पता चला और उसने तीन महीने कैंप में ट्रेनिंग ली। हथियारों की ट्रेनिंग के अलावा जिहाद के जरिये मोटिवेट किया गया।