जलवायु परिवर्तन पर मेघयान 2024 सेमिनार का हुआ आयोजन
नई दिल्ली (विवेक ओझा): जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग जैसी गंभीर पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने के लिए जागरूकता अभियान चलाने में विश्व मौसम विज्ञान संगठन की महत्वपूर्ण भूमिका है। विश्व मौसम विज्ञान दिवस हर साल 23 मार्च को मनाया जाता है। यह 23 मार्च 1950 को विश्व मौसम विज्ञान संगठन के गठन का प्रतीक है और इस क्षेत्र में मौसम विज्ञानियों के अमूल्य योगदान और आवश्यक भूमिका को दर्शाता है।
विश्व मौसम विज्ञान दिवस समारोह के तहत, दक्षिणी नौसेना कमान में नौसेना समुद्र विज्ञान और मौसम विज्ञान स्कूल और भारतीय नौसेना मौसम विज्ञान विश्लेषण केंद्र द्वारा हाल ही में एक मेटोक (मौसम विज्ञान और समुद्र विज्ञान) सेमिनार ‘मेघयान-24′ आयोजित किया गया। सेमिनार वर्ष 2024 के लिए डब्ल्यूएमओ द्वारा चयनित विषय _’एट द फ्रंटलाइन ऑफ़ क्लाइमेट एक्शन’ पर आधारित था।
इस समारोह का उद्घाटन भाषण नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार ने वर्चुअल मोड के माध्यम से दिया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन की गंभीर चुनौती पर सटीक और तत्काल ध्यान केंद्रित करने और डब्ल्यूएमओ की जलवायु सेवाओं के लिए वैश्विक ढांचे के तहत ‘क्लाइमेट स्मार्ट सोसाइटी को प्राप्त करने’ के सामान्य लक्ष्य की सामूहिक खोज में मिलकर काम करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
उन्होंने पर्यावरण संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए दीर्घकालिक टिकाऊ नीतियां अपनाने और सुरक्षा रणनीति में जलवायु परिवर्तन संबंधी विचारों को एकीकृत करने की भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता दोहराई। सुरक्षित और बेहतर नौसेना संचालन के लिए विश्वसनीय एमईटीओसी समर्थन पर महत्व देते हुए, उन्होंने इस क्षेत्र में सभी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करने वाले नौसेना के विशेषज्ञों के समर्पित प्रयासों और योगदान की सराहना की।