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दिल्ली सरकार ने एक साल में शराब से कमाए रिकॉर्ड 7,484 करोड़

नई दिल्ली: अरविंद केजरीवाल शराब नीति के मामले में जहां जेल में हैं वहीं दूसरी और दिल्ली सरकार ने पुरानी उत्पाद शुल्क व्यवस्था के तहत अपना अब तक का सबसे अधिक राजस्व एकत्र किया है, जो पहली बार 7,000 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है। दिल्ली सरकार द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार विभाग ने 2023-24 में 7,484 करोड़ रुपये का राजस्व एकत्र किया है, जिसमें उत्पाद शुल्क राजस्व और शराब पर मूल्य वर्धित कर (वैट) भी शामिल है। यह 2022-23 में एकत्रित 6,830 करोड़ रुपये से 10 फीसदी से अधिक है।

अब दिल्ली में केवल सरकारी शराब की दुकानें
एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा है कि यह अब तक का सबसे अधिक उत्पाद शुल्क राजस्व संग्रह है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में शराब की दुकानों और ब्रांडों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। आम आदमी पार्टी (आप) सरकार द्वारा 2022 में अपनी महत्वाकांक्षी नई शराब नीति को रद्द करने के बाद पुरानी उत्पाद शुल्क व्यवस्था को वापस लाया गया था। अब दिल्ली में केवल सरकारी शराब की दुकानें ही चल सकती हैं। विभाग ने 2021-22 में 5,487.58 करोड़ रुपये एकत्र किए थे।

गौरतलब है कि बड़ी संख्या में बाहर राज्य के लोग दिल्ली से शराब खरीदकर ले जाते हैं। विशेषकर उत्तर प्रदेश के लोग दिल्ली से ज्यादा शराब खरीदते हैं। क्योंकि दिल्ली में उत्तर प्रदेश के मुकाबले टैक्स कम होने से शराब सस्ती पड़ती है। ज्यादा मात्रा में शराब खरीदकर अन्य राज्य में ले जाते समय आबकारी विभाग की टीम या पुलिस उन्हें पकड़कर आबकारी नीति के तहत कार्रवाई भी करती है।

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