MP : रीवा में बोरवेल में गिरे मासूम की मौत पर CM मोहन यादव ने दिखाई सख्ती, दो अधिकारी सस्पेंड
रीवा : रीवा जिले में दो दिन पहले एक खुले बोरवेल में गिरने से हुई छह साल के बच्चे की मौत से हड़कंप मच गया. इस घटना के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने लापरवाह दो वरिष्ठ अधिकारियों को सस्पेंड करने के निर्देश दे दिए. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ट्वीट किया कि अधिकारियों के निरंतर और अथक प्रयासों के बावजूद हम मासूम बच्चे मयंक को नहीं बचा सके. बच्चे का शव रविवार को 40 घंटे से अधिक समय तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बाहर निकाला गया.
दरअसल, शुक्रवार को दोपहर लगभग 3 बजे उत्तर प्रदेश सीमा के करीब स्थित मनिका गांव में खेलते खेलते बोरवेल में 6 साल का मयंक कोल गिर गया था. राज्य आपदा आपातकालीन प्रतिक्रिया बल (SDERF), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और स्थानीय प्रशासन की टीमों ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. इसके तहत 70 फीट गहरे बोरवेल में ऑक्सीजन सप्लाई और फंसे हुए बच्चे तक पहुंचने के लिए समानांतर गड्ढे खोदना था. मयंक के माता-पिता की उम्मीदें थोड़ी देर के लिए जाग उठीं, जब रविवार की सुबह बचावकर्मियों ने उसे ढूंढ लिया. कलेक्टर प्रतिभा पाल ने बताया कि बच्चे का पता सुबह करीब 8 बजे चला. हमने सभी प्रयास किए लेकिन बोरवेल बहुत संकरा होने के कारण बच्चे को नहीं बचाया जा सका.
इस बीच मुख्यमंत्री यादव ने दो अधिकारियों को निलंबित करने का निर्देश दिया. यादव ने ट्वीट किया, “रीवा जिले के मनिका गांव में बोरवेल में गिरे मासूम बच्चे मयंक को प्रशासन के लगातार और अथक प्रयासों के बाद हम नहीं बचा सके. मन अथाह दु:ख और पीड़ा से भरा है. ईश्वर दिवगंत आत्मा को शांति एवं परिजनों को यह गहन दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करें. पीड़ित बच्चे के परिजनों को रेडक्रॉस की ओर से ₹4 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है. दु:ख की इस घड़ी में, मैं और मध्यप्रदेश सरकार मयंक के परिजनों के साथ खड़े हैं.
इस मामले में जवाबदेही तय करते हुए सीईओ जनपद त्योंथर एवं एसडीओ पीएचई त्योंथर को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं. मेरा आप सभी से अनुरोध है कि ऐसे बोरवेल को ढंक कर रखें, ताकि इस तरह की घटनाओं को भविष्य में रोका जा सके.
बता दें कि 6 साल के मयंक कोल की मौत कोई अकेली घटना नहीं है. पिछले साल मार्च के महीने में विदिशा जिले में एक 8 साल का बच्चा 60 फुट गहरे बोरवेल में गिर गया था. 24 घंटे बाद उसे निकाल लिया गया लेकिन वह बच नहीं सका. पिछले दिसंबर में राजगढ़ जिले के एक गांव में चार साल की बच्ची को एक बोरवेल से बचाया गया था, लेकिन कुछ घंटों के भीतर एक अस्पताल में उसकी मौत हो गई.