उत्तराखंड

चुनावी समर के नायक, संगठन के साथ बेहतर ताल मेल, बूथ से लेकर हर स्तर पर मॉनिटरिंग कर रहे हैं मुख्यमंत्री धामी

देहरादून। लोकसभा चुनाव 2024 में मिशन 400 को पूरा करने के लिए भाजपा ने पूरा जोर लगा दिया है। पक्ष और विपक्ष की ओर से स्टार प्रचारक मतदाताओं के बीच में हैं, वहीं केंद्रीय स्टार प्रचारकों के अलावा राज्य के प्रमुख नेताओं ने भी कमान संभाली है, स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देशभर में एक के बाद एक बड़ी रैलियां और मेगा रोड शो करके जनमत जुटाने में जी जान लगा रहे हैं। वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पीएम मोदी के ‘मिशन 400 प्लस’ के लक्ष्य को पूरा करने के लिए रात-दिन एक किए हुए हैं। प्रदेश की पांचों लोकसभा सीटों को बीजेपी के खाते में जोड़ने को मुख्यमंत्री धामी रोजाना औसतन 4 जनसभाएं और रोड शो कर रहे हैं। राज्य भाजपा की ओर से युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुख्य स्टार प्रचारक की कमान संभाले हुए हैं। उनकी लोकप्रियता को देखते हुए पार्टी के पांचों प्रत्याशी चाहते हैं कि मुख्यमंत्री हर तहसील मुख्यालय में कम से कम एक जनसभा जरूर करें।

यद्यपि बड़े नेताओं में अमित शाह, राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी, स्मृति ईरानी, जनरल बी के सिंह आदि प्रत्याशियों के समर्थन में रैली कर चुके हैं। पांचों भाजपा प्रत्याशियों के प्रचार में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अब तक उत्तराखण्ड में 88 जनसभाएं, रैलियां व रोड शो कर चुके हैं। इसके अलावा बीते शनिवार को वह उत्तरप्रदेश में पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र में भी रैलियों को सम्बोधित करने पहुंचे। उत्तराखण्ड में तो धामी पार्टी के प्रचार अभियान की दमदार तरीके से अगुवाई कर रहे हैं। प्रचार के दौरान धामी एक ओर डबल इंजन सरकार की उपलब्धियां गिना रहे हैं तो दूसरी ओर कांग्रेस और इंडी गठबंधन के कारनामों की भी फेहरिस्त जनता के सामने रख रहे हैं। उनके भाषण में विपक्ष को लेकर आक्रमकता और जनता के लिए आग्रह का समावेश देखने को मिल रहा है।

दरअसल, पिछले दो वर्षों के दौरान किए गए ऐतिहासिक फैसलों (लैंड जेहाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई, यूसीसी, नकल विरोधी कानून और सख्त धर्मांतरण कानून आदि) की वजह से पुष्कर सिंह धामी की छवि धाकड़ मुख्यमंत्री के रूप में रही है। खासतौर पर युवा वर्ग और मातृशक्ति के बीच उनकी लोकप्रियता का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। हिन्दुत्ववादी नेता के तौर पर भी उन्होंने अपनी पहचान बनाई है। विकास, निवेश, कानून व्यवस्था और लोक कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारकर धामी अपनी क्षमताएं साबित कर चुके हैं। धीरे-धीरे उनकी छवि बहुआयामी बनती जा रही है।

धामी आज अपने कौशल और केंद्र के साथ बेहतर तालमेल स्थापित कर राज्य में विकास की लाखों करोड़ों की योजनाओं को धरातल पर उतारने में सफल रहे, उनके कार्यो ने आमजन में धामी की लोकप्रियता के ग्राफ को जहां एक ओर बढ़ाया है, वहीं धामी नायक की छवि के रूप में उभर कर पार्टी हाई कमान की उम्मीद पर खरे उतरे हैं। ऐसा नहीं है कि धामी लोकसभा चुनाव का कार्यक्रम घोषित होने के बाद पार्टी के प्रचार में सक्रिय हुए हैं। मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालते ही उन्होंने ‘मिशन 2024’ का लक्ष्य तय कर लिया था। प्रदेश के सभी 13 जिलों में पहले ही जगह-जगह वह ‘लाभार्थी सम्मेलन’ आयोजित कर चुके हैं। उनके ‘नारी शक्ति वंदन महोत्सव’ तो इतने प्रभावकारी रहे कि हर महोत्सव में मातृशक्ति का जनसैलाब उमड़ पड़ा। सम्मेलन और महोत्सव के जरिए सीएम धामी ने आम लोगों से सीधा संवाद कायम किया और उन्हें डबल इंजन सरकार की उपलब्धियां व भविष्य का रोडमैप भी बताया। इसके लिए उन्हें संगठन का भी भरपूर सहयोग मिला। संगठन के अध्यक्ष महेंद्र भट्ट हारी हुई सीटों की कमान खुद संभाल रहे थे।

संगठन स्तर पर कई कार्यक्रम भी आयोजित किया जा रहे थे। योजनाओं का धरातलीय क्रियान्वयन और आमजन से फीडबैक लेकर उस पर जवाबदेही तय करने पर मंथन किया गया। नतीजा जनसंवाद व प्रवास कार्यक्रमों में लोगों की भीड़ उमड़ी और उनकी समस्याओं का मौके पर ही सुनवाई व निस्तारण हो पाया। पार्टी की ओर से जिलों के प्रभारी मंत्रियों की ड्यूटी भी लगाई गई। संगठन स्तर पर भी बूथ, शक्ति केंद्र, मंडल और जिले स्तर पर सक्रिय कार्यकर्ताओं की टोली सरकार के कार्यों को आमजन के बीच पहुंचाने में जुट गई थी।
चुनाव घोषित होने से ऐन पहले मुख्यमंत्री धामी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उत्तराखण्ड में दो दौरे (ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट देहरादून और आदि कैलाश यात्रा कुमाऊं) करवाने में सफल रहे थे। प्रचार के दौरान भी मोदी रुद्रपुर और ऋषिकेश में बड़ी चुनावी रैलियां कर चुके हैं। इन सभी कार्यक्रमों में प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री धामी के बीच जबरदस्त कैमिस्ट्री देखने को मिली।

भाजपा के लिए सुखद है कि युवाओं और महिलाओं का एक बड़ा तबका उसके साथ है और मोदी के विजन को गारंटी के तौर पर लेता रहा है। वहीं खुद को मुख्य सेवक के तौर पर मानने वाले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जिस तरह से कार्यकर्ताओं के साथ संवाद स्थापित करने की जी तोड़ कसरत में जुटे हैं, उससे पार्टी मुकाबले के बजाय अन्य से कहीं आगे दिख रही है। उत्तराखण्ड की पांचों सीटों पर पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होना है। प्रचार के महज दो दिन बचे हैं। उसके बाद धामी प्रचार के लिए उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर, दिल्ली, मध्य प्रदेश और राजस्थान का रुख करेंगे।

Related Articles

Back to top button