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राजस्थान के लिए आम बजट हो सकता है एेतिहासिक
दस्तक टाइम्स एजेंसी/जयपुर। केंद्रीय बजट से राजस्थान को बड़ी उम्मीद हैं। यदि केन्द्रीय बजट में जालौर को गुजरात के समुद्री तट से जोड़ दिया जाए तो राजस्थान के लिए वर्ष 2016-17 का बजट एेतिहासिक हो सकता है। इतना ही नहीं अलवर जिले में आयुध फैक्ट्री या लडाकृ विमान के पुर्जे बनाने की फैक्ट्री और कालीसिंध-पार्वती नदियों को जोडऩे जैसी बड़ी परियोजनाओं को हरी झण्डी मिल सकती है।
साचौर तहसील के भवातरा गांव में समुद्र्री बंदरगाह स्थापित करने के लिए सौ किलोमीटर की नहर का निर्माण करवाए जाने को लेकर अनेक बार योजनाएं बनी और बिगड़ी, लेकिन इस बार प्री फिजीबिलिटी रिपोर्ट बनने और केन्द्र के इस बारे में पर्याप्त रुचि लेने से इस परियोजना के साकार होने की उम्मीद जागी है।
गुजरात के समुद्री तट कोरी क्रीक से भवातरा तक समुद्री नहर का निर्माण करवाने का प्रोजेक्ट शुरू होने से राजस्थान जैसा मरू प्रदेश सीधे अरब सागर से जुड़ सकेगा। व्यावसायिक जहाजों को इस नहर के जरिए जालौर तक लाए जाने से एक ओर जहां राजस्थान में आने वाले सामान की लागत में भारी कमी आ सकेगी। वहीं समुद्री आबोहवा से जुडऩे से पश्चिमी राजस्थान की कायापलट हो सकेगी।
दिल्ली से नजदीकियों को देखते हुए केन्द्र मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत लड़ाकू विमानों के पुर्जे बनाने या किसी बड़ी आयुध फैक्ट्री खोले जाने को लेकर संकेत दे चुका है।
इसी तरह से पार्वती और काली सिंध नदियों को बनास, गंभीर और परबती नदियों से जोडऩे की परियोजना पर भी राज्य सरकार ने करोड़ो रुपए की लागत से विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बना कर केन्द्र को सौंप चुकी है।
सोमवार को पेश होने वाले केन्द्रीय बजट में नदियों को जोडऩे की महत्वपूर्ण परियोजना से भी प्रदेशवासियों को काफी उम्मीदें हैं। सातवें वेतन आयोग के लागू होने से प्रदेश की माली हालत पर पड़ रहे दबाव को देखते हुए केन्द्रीय करों में से कुछ हिस्सा राज्य को मिलने की उम्मीद भी नरेन्द्र मोदी सरकार से की जा रही है।