खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह असम की जेल लड़ेगा चुनाव, वकील ने किया दावा
नई दिल्ली: असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तान के समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के मुखिया अमृतपाल सिंह पंजाब से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। अमृतपाल के वकील राजदेव सिंह खालसा ने बताया कि वे निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में खडूर साहिब सीट से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। इस समय अमृतपाल सिंह राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। उनके वकील राजदेव सिंह खालसा के मुताबिक, अमृतपाल 7 से 17 मई के बीच नामांकन दाखिल कर सकते हैं।
अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह और चाचा सुखचैन सिंह शुक्रवार को जेल में उससे मुलाकात करेंगे। इस सब के बीच अमृतपाल के वकील राजदेव सिंह खालसा ने ये भी बताया कि जेल में उनसे मुलाकात करने के दौरान दोनों के बीच चुनाव लड़ने को लेकर चर्चा हुई। इस दौरान अमृतपाल ने मीडिया के लिए एक वॉयस संदेश भी साझा किया है। इस वॉयस संदेश में कहा गया है कि अमृतपाल पंजाब के खडूर साहिब से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। वह किसी भी पार्टी के चुनाव चिह्न पर चुनाव नहीं लड़ेंगे।
इतना ही नहीं सुत्रों के मुताबिक, एक मेनस्ट्रीम पार्टी अमृतपाल को बाहर से समर्थन देने पर विचार भी कर रही है। हालांकि अमृतपाल सिंह की मां बलविंदर कौर ने मीडिया को बताया कि कल ही अमृतपाल की पत्नी उससे मुलाकात करके वापस आई हैं। लेकिन उसने ऐसा कुछ नहीं बताया है। बलविंदर ने बताया, “आज अमृतपाल के पिता उससे मुलाकात के लिए असम गए हैं। कल वे मुलाकात करेंगे। उसके बाद ही कुछ कन्फर्म किया जा सकता है। वैसे संगत की तरफ से दबाव बनाया जा रहा है कि अमृतपाल को चुनाव लड़ना चाहिए।”
क्या है अमृतपाल का मामला ?
अमृतपाल सिंह को पिछले साल 23 फरवरी को अजनाला पुलिस थाने पर हमला करने का आरोप है। इस घटना में अमृतपाल और उनके समर्थकों के हाथ में तलवार, लाठी-डंडे थे। यह बवाल लवप्रीत तूफान की रिहाई की मांग को लेकर हुआ था। लवप्रीत तूफान को पुलिस ने बरिंदर सिंह नाम के शख्स को अगवा और मारपीट करने के आरोप में हिरासत में लिया था। हालांकि, बवाल के बाद पुलिस ने उसे छोड़ दिया था। अमृतपाल सिंह पर कई केस दर्ज हैं, जिसके बाद उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी एनएसए भी लगा दिया था। अमृतपाल गिरफ्तार होने के बाद से वे असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं।