देहरादूनः उत्तराखंड के नैनीताल जिले में जंगल की भीषण आग को बुझाने के लिए शनिवार को भारतीय वायुसेना के एक हेलीकॉप्टर को सेवा में लगाया गया। इससे एक दिन पहले पाइंस इलाके में हाई कोर्ट कॉलोनी तक आग की लपटें पहुंचने से शुक्रवार को जिले में स्थिति और खराब हो गई थी। आग की लपटों के कॉलोनी के घरों के नजदीक तक पहुंचने के चलते खतरा बढ़ने लगा।
भारतीय वायु सेना ने ‘एक्स’ पर कहा कि अग्निशमन अभियान में सहायता के लिए एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर को तैनात किया गया है। वन अधिकारियों ने बताया कि हेलीकॉप्टर ने भीमताल और नैनी झील से एक बांबी बकेट (एक विशेष बाल्टी) में पानी लिया और उससे जिले के पाइंस, भुमियाधर, ज्योलिकोट, नारायण नगर, भवाली, रामगढ़ और मुक्तेश्वर इलाकों के दहकते जंगलों पर छिड़काव किया। इस विशेष बाल्टी की मदद से एक बार में भारी मात्रा में पानी भरकर प्रभावित क्षेत्र में छिड़का जा सकता है। एक अधिकारी ने कहा कि नैनी झील में जलस्तर कम होने के कारण नौकायन गतिविधियों को कुछ समय के लिए निलंबित कर दिया गया जबकि भीमताल झील में इसे फिलहाल रोक दिया गया है। उप जिलाधिकारी प्रमोद कुमार ने बताया कि आग ने पाइंस से लेकर लड़ियाकांटा तक के जंगलों को अपनी चपेट में ले लिया है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आग पर काबू पाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं और जल्द ही आग पर काबू पा लिया जाएगा। धामी ने प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया और हल्द्वानी में वन प्रशिक्षण अकादमी में कुमाऊं मंडल के अधिकारियों के साथ आग बुझाने के लिए अब तक किए गए प्रयासों की समीक्षा की। उन्होंने सख्त निर्देश जारी किए कि जब तक जंगल की आग पर पूरी तरह से काबू नहीं पा लिया जाता, तब तक वन अधिकारियों को छुट्टी पर जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। राज्य के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि आग पर प्रभावी ढंग से काबू पाने के लिए सभी जिला वन अधिकारी (डीएफओ) जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं। रुद्रप्रयाग में जंगलों में आग लगाने की कोशिश के आरोप में शुक्रवार को तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
अधिकारियों के अनुसार, शुक्रवार को राज्य के विभिन्न स्थानों पर जंगलों में आग लगने की 31 नई घटनाएं सामने आईं, जिनमें 33.34 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ। नैनीताल जिला मुख्यालय के पास के जंगलों में लगी आग ने शुक्रवार को भीषण रूप ले लिया था। आग से पाइंस क्षेत्र में स्थित हाईकोर्ट कॉलोनी को भी खतरा पैदा हो गया है जबकि क्षेत्र में यातायात भी प्रभावित हुआ है। आग पर काबू पाने के प्रयासों में वन्यकर्मियों के अलावा सैन्यकर्मी भी शामिल हैं। पाइंस इलाके के एक निवासी और उत्तराखंड उच्च न्यायालय के सहायक पंजीयक अनिल जोशी ने कहा, ‘‘आग ने शुक्रवार को द पाइंस के निकट स्थित एक पुराने और खाली मकान को अपनी चपेट में ले लिया। इससे हाईकोर्ट कॉलोनी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा लेकिन यह खतरनाक रूप से इमारतों के करीब तक पहुंच गई।” आग के कारण जिला प्रशासन ने नैनी झील में नौकायन पर रोक लगा दी है।
नैनीताल के मंडलीय वन अधिकारी चंद्रशेखर जोशी ने कहा, ‘‘हमने आग बुझाने के लिए मनोरा रेंज के 40 कर्मियों और दो वन रेंजर को तैनात किया है।” पिछले साल एक नवंबर से अब तक प्रदेश में वन में आग लगने की कुल 575 घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें 689.89 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ और 14 लाख रुपए से अधिक का आर्थिक नुकसान हुआ।