पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को पटना में भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों की उच्चस्तरीय समीक्षात्मक बैठक में कहा कि अगले दो महीने के भीतर 3०० से अधिक भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारी बर्खास्त होंगे जिससे लोगों में एक संदेश जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी हाल में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेगी। पटना में बैठक के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों एवं आरक्षी अधीक्षकों से भी भ्रष्टाचार के मामलों की समीक्षा की। बैठक के बाद मुख्य सचिव अशोक कुमार सिन्हा ने पत्रकारों को बताया कि मुख्यमंत्री ने बैठक में सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि दो महीने के अंदर भ्रष्ट पदाधिकारियों पर विभागीय कारवाई कर अधिक से अधिक भ्रष्ट पदाधिकारियों को बर्खास्त करें। दो महीने के अंदर 3०० से अधिक भ्रष्ट पदाधिकारी और कर्मी भ्रष्टाचार के मामले में बर्खास्त होंगे तब जनता में एक संदेश जाएगा। भ्रष्ट लोगों के मन में डर पैदा होगा और एक वातावरण बनेगा। उन्होंने कहा कि 2००6 में पुलिस एवं न्यायपालिका के सहयोग से त्वरित न्यायालय आम्र्स एक्ट को लेकर शुरू हुआ था और लोगों में अपराध के विरूद्ध एक वातावरण बना था। अब तक 89 हजार अपराधियों को त्वरित न्यायालय के माध्यम से सजा दिलाई जा चुकी है। मुख्य सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री ने बैठक में निर्देश दिया कि बिहार में निगरानी (विजिलेंस) विभाग को केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की तरह मजबूत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 576 भ्रष्ट अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार ऊपर से नीचे की ओर जाता है लेकिन बिहार में निचले स्तर पर भ्रष्टाचार है। मुख्य सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री ने बैठक में मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वे हर सप्ताह भ्रष्टाचार एवं टै्रप के मामले में विभागीय कारवाई को देखें। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारियों को इस मामले में विशेष अधिकार दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी विभागों में एक निगरानी पदाधिकारी नियुक्त होगा एवं जिला में एक सिविल सेवा के पदाधिकारी तथा एक पुलिस सेवा के पदाधिकारी निगरानी पदाधिकारी के रूप में नियुक्त होंगे जो निगरानी आयुक्त के अधीन काम करेंगे। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार की सूचना देने वालों को पुरस्कृत किया जाएगा तथा 15 दिनों के अंदर सभी विभागों का हेल्पलाइन जारी किया जाएगा। मुख्य सचिव ने बताया कि अभी तक 2००6 से कुल 88० लोगों पर टै्रप एवं आय से अधिक संपत्ति के मामले दर्ज किए गए हैं जिसमें 859 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल हो चुका है तथा 51 लोगों को सजा मिल चुकी है।