प्रतिबंधित संगठन सिमी के सदस्य को भारत विरोधी गतिविधियों में कोर्ट ने सुनाई सजा
इंदौर : लगभग 16 साल पहले पकड़े गए प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) के एक सदस्य (member) आरोपी अमान पिता सलीम निवासी छोटी ग्वालटोली को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट लोकेंद्रसिंह की कोर्ट (Court) ने दोषी पाते हुए सजा सुनाई है। उसे विधि विरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम की धारा 3, सहपठित धारा 10 में 2 वर्ष के सश्रम कारावास और 2 हजार रुपए अर्थदंड एवं इसी अधिनियम की धारा 13 में तीन वर्ष के सश्रम कारावास और 3 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया।
उल्लेखनीय बात यह है कि कोर्ट ने दोनों सजाएं एक के बाद एक भुगताई जाने के आदेश किए हैं, यानी उसे कुल 5 वर्ष का सश्रम कारावास भुगतना होगा। छोटी ग्वालटोली पुलिस ने उसे 19 अगस्त 2008 को गणेश लॉज चौराहे के पास से उस समय गिरफ्तार किया था, जब वह भारत विरोधी नारेबाजी करते हुए सांप्रदायिक वैमनस्यता फैलाने वाले पर्चे बांट रहा था। उससे पूछताछ में यह बात भी सामने आई थी कि सिमी से जुड़े अन्य कई सदस्य, जो पूर्व में पकड़े गए थे, उनकी जमानत के लिए भी प्रयासरत था। वह सार्वजनिक तौर पर सिमी के प्रचार-प्रसार में लगा हुआ था। अमान मोटर बाइंडिंग का काम करता था।