एक और युद्ध की आहट, मिस्र ने इजरायली सीमा पर भेजे सैनिक, बढ़ रहा टेंशन
काहिरा: इजरायल और हमास के बीच युद्ध (war) से मिस्र टेंशन में आ गया है। गाजा और इजरायल दोनों की ही सीमा मिस्र से लगती है। मिस्र के एक अधिकार समूह ने कहा कि मिस्र ने इस सप्ताह पूर्वोत्तर सिनाई में गाजा के साथ अपनी सीमा पर अतिरिक्त बख्तरबंद वाहनों और सैनिकों को तैनात किया है। ये मिस्र और इजरायल के बीच खराब संबंधों का संकेत है। सिनाई फाउंडेशन फॉर ह्यूमन राइट्स ने कहा कि युद्धक गियर के साथ पंद्रह बख्तरबंद वाहनों को बुधवार शाम को शेख जुवैद के सिनाई निवासियों ने गाजा के साथ मिस्र की सीमा की ओर जाते हुए देखा।
फाउंडेशन ने आगे बताया कि बख्तरबंद वाहनों का एक और काफिला शेख जुवैद के दक्षिण में अल-जौरा गांव में पहुंचा। यह तैनाती गाजा के राफा में हमले के बाद से इजरायल और मिस्र के बीच गहरी होती दरार के बीच हुई। पिछले सप्ताह इजरायल ने राफा क्रॉसिंग पर हमला करते हुए शहर में सैन्य अभियान शुरू कर दिया। उत्तरी इलाकों से भागकर आए फिलिस्तीनियों ने भी यहां शरण ले रखी है। पूरे शहर में 15 लाख लोग रह रहे हैं। मिस्र की टेंशन है कि अगर राफा भी सुरक्षित नहीं रहता तो फिलिस्तीनी शरणार्थी मिस्र में आ सकते हैं।
इजरायल और मिस्र के बीच 45 साल की शांति संधि है और सुरक्षा मामलों पर वह सहयोग देता है। लेकिन राफा पर हमला मिस्र को परेशान करने वाला है। मिडिल ईस्ट आई ने सूत्रों के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा कि राफा क्रॉसिंग पर हमला होने से पहले मिस्र और इजरायल के बीच किसी भी तरह का ऑपरेशन समन्वय नहीं था। राफा क्रॉसिंग पर इजरायल के कब्जे के परिणामस्वरूप गाजा में मानवीय सहायता रूक गई है। वहीं मिस्र ने इजरायल की ओर से क्रॉसिंग को खोलने के अनुरोध को खारिज कर दिया है। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने कहा कि इजरायल राफा पर कंट्रोल का इस्तेमाल गाजा की घेराबंदी कड़ी करने के लिए चाहता है।
मिस्र और इजरायल के बीच राजनयिक विवाद कई दिनों से गहराता जा रहा है। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने मंगलवार को मिस्र के अधिकारियों के हवाले से कहा कि वह अपने राजदूत को वापस बुलाने समेत इजरायल के साथ द्विपक्षीय संबंधों को कम करने की सोच रहा है। मिस्र ने यह भी घोषणा की है कि वह इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में इजरायल के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका के मुकदमे में शामिल होगा। इस मुकदमें में इजरायल पर नरसंहार का आरोप लगाया गया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि क्या मौखिक विवाद नाजुक सुरक्षा और रक्षा संबंधों पर हावी हो जाता है।