आस्था के आगे सूर्य की तपिश भी हुई नतमस्तक, 665 KM की दंडवत यात्रा कर उज्जैन पहुंचे दंपति
उज्जैन: मध्यप्रदेश के उज्जैन में भीषण गर्मी और सूरज की तपिश के बीच जहां लोगों की घर से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं हो रही है. वहीं, इस बीच एक दंपति 665 KM दंडवत कर महाकाल की नगरी पहुंचा है. इस आस्था के आगे सूर्य की तपिश भी नतमस्तक हो गई है. वहीं, ASI चंद्रभान और शहर के कई नागरिक दंपति की मदद के लिए आगे आए हैं.
दंपति 665 किलोमीटर की दंडवत यात्रा कर उज्जैन पहुंचा है. मध्य प्रदेश की ‘धार्मिक नगरी’ उज्जैन में आस्था का ऐसा नजारा देख लोग भी पति-पत्नी की मदद करने आगे आए. उज्जैन में हर रोज आस्था की अलग-अलग तस्वीर सामने आती है. नौतपा के बीच एक दंपति की हैरान कर देनी वाली तस्वीर सामने आई है. डेढ़ साल पहले मन्नत के लिए दंडवत निकला दंपति तपती गर्मी में महकाल की नगरी पहुंचा है.
प्रह्लाद उर्फ शंभु बुनकर डेढ़ साल पहले अपनी पत्नी पूजा के साथ मन्नत के लिए राजस्थान के बाड़मेर से बाबा महाकाल के दर्शन और ओंकारेश्वर में मां नर्मदा नदी में स्नान-दान पुण्य के लिए निकले थे. 665 किलोमीटर की इस यात्रा को दंडवत कर वे उज्जैन पहुंचे हैं. 55 साल के प्रह्लाद उर्फ शंभु बुनकर अपने हाथों में नारियल लिए हुए हैं, जबकि उनकी पत्नी के पास एक बैग है. बैग में कपड़ें हैं, जबकि हाथों में भगवान का झंडा. प्रह्लाद चिलचिलाती धूप में दंडवत कर उज्जैन पहुंचे हैं.
दंपति ने बताया कि प्रहलाद इस भीषण गर्मी में डेली पैदल बिना चप्पल से करीब डेढ़ किमी की दंडवत यात्रा कर रहे है. वे रामदेवरा, अजमेर और पुष्कर होकर उज्जैन पहुचें है. दंपति ने बताया कि रोजाना खाने-पीने के लिए कोई न कोई मदद कर देता है. कभी-कभी वे होटल में खा लेते है. कई लोग उन्हें यात्रा के दौरान दान में फल-फ्रूट पानी की बोतल भी देते हैं. उज्जैन पहुंचने पर ASI चंद्रभान समेत कई लोगों ने उनके खाने-पीने के लिए मदद की. दंपति ने बताया कि उज्जैन के बाद यह यात्रा ओंकारेश्वर तक जारी रहेगी.