नईदिल्ली : भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने अपनी गाइडलाइंस में ब्रेड, मक्खन और कुकिंग ऑइल समेत कुछ फूड्स को लोगों की सेहत के लिए हानिकारक बताते हुए अल्ट्रा प्रॉसेस्ड फूड की कैटेगरी में शामिल किया है. आईसीएमआर के अनुसार, ग्रुप सी खाद्य पदार्थों में फैक्ट्रियों में बनने वाली ब्रेड, सीरियल्स, केक, चिप्स, बिस्कुट, फ्राइज, जैम, सॉस, मायोनीज, आइसक्रीम, प्रोटीन पैक पाउडर, पीनट बटर, सोया चंक्स, टोफू जैसे खाद्य पदार्थ शामिल हैं. एडिटिव्स से बनने वाला पनीर, मक्खन, मांस, अनाज, बाजरा और फलियों का प्रॉसेस्ड आटा, एनर्जी ड्रिंक्स, दूध, कोल्ड ड्रिंक्स और जूस जैसी चीजों को भी आईसीएमआर ने ग्रुप सी की कैटेगरी में रखा है.
अल्ट्रा प्रॉसेस्ड फूड क्यों हेल्दी नहीं है, इसका जवाब ये है कि विभिन्त अनाजों के आटे को फैक्ट्री में हाई फ्लेम पर पीसकर बनाया जाता है जो कई दिनों तक खराब ना हो, इसके लिए उसमें आर्टिफिशियल इनग्रिडिएंट और एडिटिव्स मिलाए जाते हैं. इसी तरह ताजे फलों को कई दिनों तक फ्रीज करके रखा जाता है जिससे वो खराब ना हो. दूध को भी पॉश्चुराइज्ड किया जाता है. सभी प्रकार की प्रॉसेसिंग जो इन स्वस्थ खाद्य पदार्थों को खाने के लिए तैयार करते हैं, वो खाद्य पदार्थों से पोषक तत्व छीन लेती है. जबकि स्वाद, रंग और ज्यादा समय तक प्रॉडक्ट को सही रखने के लिए फैक्ट्रियों में उन खाद्य पदार्थों में आर्टिफिशियल स्वीटनर, कलर, एडिटिव्स जैसी चीजें मिलाती हैं जो सेहत के लिए खतरनाक होती हैं.
अल्ट्रा प्रॉसेस्ड फूड का लंबे समय तक सेवन मोटापा, दिल का दौरा, स्ट्रोक जैसी बीमारियों को दावत देता है. ये अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ (यूपीएफ) फैट में हाई और फाइबर समेत जरूरी पोषक तत्वों के मामले में बेहद कम होते हैं. अध्ययनों से पता चला है कि ऐसी चीजों से भरपूर आहार मोटापा, एजिंग बढ़ाने और दिल के दौरे, स्ट्रोक, डायबिटीज और ओवरऑल हेल्थ खराब होने के रिस्क से जुड़ा हो सकता है.
सबसे बड़ी समस्या यह है कि ऐसे खाद्य पदार्थ आम तौर पर बहुत सस्ते होते हैं और आसानी से उपलब्ध होते हैं, जिससे वे लोगों के लिए एक लोकप्रिय विकल्प बन जाते हैं. आईसीएमआर सी लेवल के खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन ना करने की सलाह देता है जिसका अर्थ है कि इन खाद्य पदार्थों में शुगर और नमक की मात्रा अधिक होती है और विटामिन, खनिज और फाइबर जैसे पोषक तत्व कम होते हैं.